EXCLUSIVE: भागलपुर के सुमित आनंद ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में लहराया परचम, मिला ये अवॉर्ड

भागलपुर के सुरखीकल के रहने वाले सुमित आनंद का पैतृक आवास बांका अंतर्गत शंभुगंज प्रखंड के कस्बा गांव में है. सुमित ने सेंट टेरेसा स्कूल, भागलपुर से प्रारंभिक पढ़ाई, एसकेपी विद्या विहार से 12वीं व एनएसआइटी, दिल्ली से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है. अब उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में परचम लहराया है.

By Anand Shekhar | February 29, 2024 7:22 AM

दीपक राव, भागलपुर. शहर के लाल सुमित आनंद ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में परचम लहरा कर शहर का नाम रौशन किया है. सुरखीकल स्थित आनंदीलाल मिश्रा लेन निवासी बीएसएनएलकर्मी संतोष कुमार दास एवं गृहिणी प्रतिमा दास के पुत्र ने कैम्ब्रिज में नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए जीआरई भौतिकी परीक्षा और तकनीकी साक्षात्कार में उत्कृष्ट स्थान प्राप्त किया है. स्नातक में 76 प्रतिशत अंक के साथ ए ग्रेड प्राप्त किया. इतना ही नहीं मास्टर्स डिग्री के क्रम में बेस्ट स्टूडेंट प्रेजेंटेशन अवार्ड एवं बेस्ट रिसर्च प्रोजेक्ट अवार्ड अपनी झोली में लिया है.

बकौल सुमित आनंद प्रारंभिक शिक्षा सेंट टेरेसा स्कूल भागलपुर से करने के बाद डीपीएस व एसकेपी विद्या विहार, भागलपुर से 10वीं-12वीं की पढ़ाई बेहतर अंकों के साथ पूरी की. सुमित ने बताया कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी में गहरी रुचि है. इस कारण देश के प्रमुख संस्थानों में एक एनएसआइटी, दिल्ली से अपनी स्नातक की डिग्री इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग में प्राप्त की.

निर्धारित लक्ष्य और मेहतन के बल पर यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज, यूके में नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए जीआरई भौतिकी परीक्षा और तकनीकी साक्षात्कार में सफलता हासिल की. सुमित ने प्रमुख साइंटिस्ट डॉ मार्क रोजमॉड और डॉ माजियार नेझाद के मार्गदर्शन में सेमीकंडक्टर नैनो टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में टीचिंग असिस्टेंट के रूप में सेवा दी.

अभी सुमित कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर डॉक्टरल ट्रेनिंग में नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी में डॉक्टरेट प्रशिक्षण में लगे हुए हैं. हेनरी रॉयस रिसर्च इंस्टीट्यूट, यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर, शेफील्ड के नेशनल एपिटैक्सी फेसिलिटी और नेशनल फिजिकल लेबोरेटरी जैसी संस्थाओं के साथ सहयोग कर रहे हैं. हाल ही में उन्होंने अपने किसी अनुसंधान परियोजना के लिए आईआईटी बॉम्बे और आईआईएससी बेंगलुरु के शोधकर्ताओं के साथ सहयोग करने का निर्णय लिया है, जो कि छह माह के कार्यकाल के लिए होगा.

डॉक्टरल प्रशिक्षण पूरा करने के बाद सुमित सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी में अनुसंधान करने के लिए यूके के नेशनल एपिटैक्सी फेसिलिटी में शामिल होंगे. सुमित ने बताया कि उनका अनुसंधान नैनो टेक्नोलॉजी में ड्रॉपलेट एपिटैक्सी पर है, जो III-V सेमीकंडक्टर्स के साथ मुख्य रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला एक एपिटैक्सियल तकनीक है.

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