Bihar Flood: नेपाल में भारी बारिश से बिहार में बाढ़ का संकट और गहरा गया है. गंडक और कोसी नदी में रिकॉर्ड पानी भरा है. कोसी बराज पर 56 साल के बाद सबसे अधिक पानी दर्ज हुआ. 6 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जा चुका है. शनिवार की रात तक लोग सहमे रहे और सुबह का इंतजार सबपर भारी था. वहीं रविवार की सुबह पानी बराज पर घटना जरूर शुरू हुआ लेकिन कटाव की चुनौती और जिन इलाकों में पानी फैल चुका है उन इलाकों की समस्या अभी बरकरार है. अगर सुपौल में कोसी के हालात बिगड़ते हैं तो आठ और जिले इससे प्रभावित हो जाएंगे.
नेपाल की बारिश से बिहार में तबाही
नेपाल के पहाड़ी क्षेत्र समेत नेपाल में हो रही भारी बारिश के कारण कोसी नदी अभी रौद्र रूप में है. दूसरी तरफ बिहार में हुई भारी बारिश के कारण कोसी-सीमांचल की प्रमुख नदियां उफान पर है. इन सभी नदियों का भी पानी कोसी में समाता है और कोसी कटिहार के कुरसेला में जाकर गंगा में मिलती है जिससे गंगा भी अभी उफान पर है. कोसी के इस उफान से जलप्रलय की आशंका से लोग डरे हुए हैं.
सुपौल में कोसी का रौद्र रूप
सुपौल में कोसी नदी को लेकर अधिक खौफ बीते दो दिनों से लोगों में है. जबकि अन्य जिलों में भी कोसी के रौद्र रूप को देखते हुए अलर्ट जारी किया जा चुका है. लोगों को सतर्क रहने व तटबंध के अंदर के इलाके को खाली करने की अपील की गयी है. वीरपुर बराज पर सुपौल समेत अन्य जिलों के लोगों की भी नजरें हैं. दरअसल, अगर सुपौल में कोसी के हालात बिगड़ते हैं तो फिर बिहार के आठ और जिले इससे प्रभावित हो जाएंगे. वहीं सैकड़ों गांवों में बाढ़ के हालात बन सकते हैं.
इन जिलों पर भी पड़ेगा असर…
सुपौल में कोसी के हालात बिगड़े तो सीमावर्ती मधुबनी, दरभंगा, मधेपुरा, सहरसा,अररिया, कटिहार, भागलपुर और पूर्णिया जिले के लोग भी मुश्किल का सामना करने पर मजबूर होंगे. वहीं गंडक नदी का भी जलस्तर बढ़ा है. जिसका असर भागलपुर, मुंगेर, खगड़िया जिले में भी दिखा है. गंगा के जलस्तर में भी इन दोनों नदियों की वजह से बढ़ोतरी हुई है.
क्या है कोसी बराज का ताजा अपडेट ?
कोसी बराज के सभी फाटक शनिवार की सुबह ही खोलने की नौबत आ पड़ी थी. शुक्रवार की रात से ही भारी मात्रा में पानी बराज से छोड़ा जा रहा है. शनिवार की देर रात तक 6 लाख क्यूसेक से अधिक पानी वीरपुर स्थित कोसी बराज से छोड़ा जा चुका था. सुबह 7 बजे से कोसी बराज पर पानी घटना शुरू हुआ है. रविवार सुबह 10 बजे कोसी बराज पर 06 लाख 12 हजार 675 व बारह क्षेत्र में 02 लाख 79 हजार 250 क्यूसेक घटते क्रम में दर्ज किया गया. बराज के 56 फाटक खुल हुए रहे.