Teacher’s Day Special: भागलपुर में शिक्षक संत कुमार का रचनात्मक पठन, बच्चों की हाजरी में वृद्धि लाने में सफल

Teacher's Day Special: सरकारी शिक्षक संत कुमार सुलतानगंज के ग्रामीण क्षेत्र में अपने कार्य से ग्रामीण व बच्चों का दिल जीत लिया है. प्रभात पड़ताल में बुधवार को दक्षिणी क्षेत्र धवलपुरा गांव पहुंचने पर ग्रामीण व बच्चे बताते है कि शिक्षा जगत में संत कुमार एक ऐसे शिक्षक हैं, जो स्कूल कभी लेट नहीं आते.

By Anshuman Parashar | September 5, 2024 4:53 PM
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Teacher’s Day Special: सरकारी शिक्षक संत कुमार सुलतानगंज के ग्रामीण क्षेत्र में अपने कार्य से ग्रामीण व बच्चों का दिल जीत लिया है. प्रभात पड़ताल में बुधवार को दक्षिणी क्षेत्र धवलपुरा गांव पहुंचने पर ग्रामीण व बच्चे बताते है कि शिक्षा जगत में संत कुमार एक ऐसे शिक्षक हैं, जो स्कूल कभी लेट नहीं आते. आधा से पौने घंटा पूर्व आकर बच्चों को खोजते घर पहुंच जाते हैं. वह ईमानदार व कर्तव्यनिष्ठ हैं. बच्चों के अभिभावक से मिलते हैं. जो बच्चे विद्यालय नहीं आते हैं. उनकी समस्या को जान कर हल करने का प्रयास करते हैं. बच्चों को घर से बुला कर उनकी अंगुली पकड़ कर विद्यालय लाते हैं.

रचनात्मक पठन से स्कूल में बढ़ गयी उपस्थिति

स्कूल में कई शिक्षक पूछने पर बताते है कि संत सर की रचनात्मक पठन से बच्चों की उपस्थिति बढ़ गयी है. उनके पढ़ाने की कला इतनी सुंदर है कि बच्चे आसानी से समझ लेते हैं. वह कला शिक्षक हैं. परंतु गणित विषय पर इतनी सुंदर पकड़ है कि आसानी से बच्चों को समझा देते हैं. कमजोर एवं निर्धन छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ आर्थिक रूप से मदद करते हैं.
स्कूल के प्रधान ने भी कार्य की प्रशंसा की

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सहायक शिक्षक पद पर कार्यरत

वर्तमान में संत कुमार मुरारका कॉलेज रोड सुलतानगंज में रहते हैं. धांधी बेलारी पंचायत, बाथ थाना के अन्तर्गत मवि धवलपुरा में सहायक शिक्षक पद पर कार्यरत है. वर्ष दो हजार में इनकी नियुक्ति शिक्षक पद पर हुई थी. स्थानीय शिक्षक, साहित्यकार लेखक व कवि देवकांत मिश्र दिव्य ने बताया कि शिक्षा का अलख जगाने वाले ऐसे शिक्षक पर हमें गर्व होना चाहिए. समयानुसार सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता करा कर बच्चों का उत्साहवर्धन करते हैं. पुरस्कार भी वितरण करते हैं. स्कूल प्रधान रणवीर नित्या भी शिक्षक संत कुमार की प्रशंसा करते बच्चों को बेहतर पठन-पाठन की बात कही. ग्रामीण भी स्कूल के पठन-पाठन से संतुष्ठ हैं.

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