टीएमबीयू के शिक्षकों की प्रमोशन की मांग को लेकर 12 नवंबर को विवि में आमरण अनशन कार्यक्रम किया जायेगा. कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बुधवार को शिक्षक संगठन यूटीआइ के बैनर तले समर्थन अभियान चलाया गया. इसमें संघ के शिक्षकों ने पेंशनर संघर्ष मंच व सेवानिवृत शिक्षकों से मिलकर समर्थन मांगा. संघ के सचिव विवेक हिंद ने कहा कि प्रमोशन को लेकर होने वाले कार्यक्रम को लगातार समर्थन मिल रहा है. सीनेट सदस्यों से लेकर सेवानिवृत्त शिक्षकों व कर्मचारियों द्वारा आमरण अनशन कार्यक्रम में समर्थन देने की बात कही जा रही है. संबद्ध महाविद्यालय के तीन निर्वाचित सीनेट सदस्य भी समर्थन दिया है. ——————– प्रमोशन शिक्षकों का अधिकार – संघ के सचिव ने बताया कि शिष्टमंडल सेवानिवृत्ति प्रो बहादुर मिश्र से मिले. उन्होंने बताया कि प्रो मिश्रा ने कहा हैं कि प्रमोशन शिक्षकों का अधिकार है. शिक्षकों को प्रमोशन के लिए आमरण अनशन पर बैठे जाने की बात दुखद: है. पेंशनर समाज के लोग भी इन शिक्षकों के साथ धरना स्थल पर बैठेंगे. सेवानिवृत्त शिक्षक प्रो बिहारी लाल चौधरी, वीरेंद्र सिंह, कुमार राजेश,अमरेंद्र झा, कामेश्वर बागवे आदि ने कहा कि शिक्षकों को ससमय प्रोमोशन देना विवि प्रशासन की वैधानिक बाध्यता है. प्रमोशन होना कैरियर के उन्नयन के लिए जरूरी है. सीनेट सदस्य डॉ आनंद मिश्रा, सीनेट सदस्य डॉ शीला कुमारी व डॉ प्रदीप कुमार सिंह ने कुलपति से आग्रह किया है कि शिक्षकों के अनशन पर बैठने के पहले प्रमोशन को लेकर कोई ठोस निर्णय लें. ——————————- सीनेट की बैठक में शिक्षकाें के पदाें काे वापस लाने का उठेगा मुद्दा टीएमबीयू से 2012 में सरेंडर कराये गये शिक्षकाें के पदाें काे वापस लाने का मामला एकेडमिक सीनेट की बैठक में उठाने की तैयारी है. इसे लेकर सीनेट सदस्य डॉ. गौरीशंकर डोकानिया रजिस्ट्रार को पत्र लिखा है. पत्र के माध्यम से पूछ है कि शिक्षा विभाग में रखे गये 60 पद की वापसी व छात्रों के संख्यानुपात में शिक्षकों के पद सृजन को लेकर क्या योजना है. साथ ही नये पदाें का सृजन कब तक होगा. बता दें कि मामले में टीएमबीयू अतिथि शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ आनन्द आजाद ने कुलपति सहित सभी सीनेट सदस्यों को पत्र लिखा था.
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