जिले में शैक्षणिक व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए शिक्षा विभाग और शिक्षक संघ की मदद से शिक्षा दूत तैयार होंगे. इसको लेकर पिछले दिनों डीइओ राजकुमार शर्मा और शिक्षक संघ के प्रतिनिधि के बीच बैठक में चर्चा की गयी. डीइओ ने शिक्षक संघ के सदस्यों को कहा कि सभी शिक्षक संघ अपने स्तर से 10-10 शिक्षकों को शिक्षा दूत के रूप में हर एक प्रखंड में तैयार करवायें, जो स्कूलों में शैक्षणिक वातावरण बदलने का काम करेंगे. उनके तहत यह सभी समय-समय पर स्कूल स्तर पर प्रखंड स्तर पर जिला स्तर पर एक प्रतियोगात्मक क्विज प्रतियोगिता, शिक्षा संबंधित कार्यक्रम सहित अन्य शैक्षणिक गतिविधि का आयोजन करवायेंगे, ताकि सामान्य पढ़ाई के अलावा बच्चों में कंपटीशन की भावना जगे, जो उनके लिए आगे फायदेमंद होगा. इस पर सभी शिक्षक संघ द्वारा विचार विमर्श करके अपनी बात रखने की इच्छा बतायी गयी है.
स्कूलों के सुचारू रूप से संचालन के लिए निरीक्षण की विस्तृत रूप रेखा तैयार
जिले में स्कूलों के सुचारू रूप से संचालन के लिए निरीक्षण की विस्तृत रूप रेखा तैयार की गयी. इसको लेकर जिला शिक्षा विभाग की ओर से निर्देश जारी किया गया है. डीइओ राजकुमार शर्मा ने बताया कि अब निरीक्षण अधिकारी व कर्मी को तीन माह के लिए 10 से 15 स्कूल आवंटित किए जायेंगे, जिसका यह पूर्ण तरीके से संपूर्ण देखरेख करेंगे. इसके अलावा ऊपर के अधिकारी यानी जिलाधिकारी द्वारा भी एक निरीक्षण टीम रहेगी, जो इनके द्वारा निरीक्षण किये गये स्कूलों का निरीक्षण करेगी. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से यह भी निर्देश दिया है कि टारगेट देकर कार्रवाई नहीं की जायेगी. शिक्षक गरिमा का ध्यान रखते हुए आउटसोर्सिंग से बहाल कर्मी और टोला सेवक स्कूल की जांच नहीं करेंगे. टीम आधारभूत संरचना में मौजूद शिक्षक व बच्चों की संख्या के अनुरूप वर्ग कक्ष की उपलब्धता, विद्यालय में चल रहे निर्माण कार्य, किचन शेड, गैस चूल्हा, थाली की उपलब्धता, शौचालय, पीने का पानी, बेंच-डेस्क, आइसीटी लैब, विद्यालय की चहारदीवारी के साथ-साथ स्कूल में बच्चों की नामांकन के अनुरूप उपस्थिति, बच्चों को मिलने वाले किताबों की उपलब्धता, स्टूडेंट्स किट, एफएलएन किट, बच्चे स्कूल साइकिल लेकर आ रहे हैं या नहीं, बच्चों को होने वाले मूल्यांकन, इसके अलावा स्कूलों में विषयवार शिक्षकों की संख्या, स्कूल में शिक्षकों की उपस्थिति वर्ग संचालन को लेकर तैयार किए गये रोस्टर, शारीरिक शिक्षक, संगीत शिक्षक, नृत्य शिक्षक द्वारा गतिविधियों का संचालन हो रहा है या नहीं, साथ-साथ अनामांकित व नियमित विद्यालय नहीं आने वालों बच्चों के बारे में भी जानकारी ली जायेगी. इसके बाद इस पर स्कूल प्रबंधन से बातचीत कर इसे बेहतर किया जायेगा. साथ ही साथ आधारभूत संरचना में जो कमी होगी, उसे शिक्षा विभाग के स्तर से दूर किया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है