Bhagalpur News: पीरपैंती बाजार से मिर्जाचौकी जानेवाली सड़क का पुल बहा

पीरपैंती प्रखंड मुख्यालय सहित मिर्जाचौकी एनएच-80 से करीब ढाई लाख लोगों का सड़क मार्ग ठप

By Prabhat Khabar News Desk | September 28, 2024 12:22 AM

= पीरपैंती प्रखंड मुख्यालय सहित मिर्जाचौकी एनएच-80 से करीब ढाई लाख लोगों का सड़क मार्ग ठप

= बाबूपुर व बाखरपुर के बीच बना है यह पुल= विभाग की ओर से करायी गयी बैरिकेडिंग, निगरानी के लिए सैफ के जवान तैनात= दिसंबर 22 में बन कर तैयार हुआ था पुल, दिसंबर 2025 तक करना है रखरखाव

प्रतिनिधि, पीरपैंती

पीरपैंती बाजार से मिर्जाचौकी तक जानेवाली आसीडी की सड़क पर बाबूपुर व बाखरपुर के बीच महज दो साल पहले बना पुल शुक्रवार को तेज पानी के बहाव में टूट गया. इससे प्रखंड के पांच पंचायतों की करीब दो-ढाई लाख की आबादी टापू की जिंदगी जीने के लिए मजबूर हो गये हैं. मोहनपुर, मधुबन, बाबूपुर आदि पंचायतों का प्रखंड मुख्यालय सहित एनएच-80 से सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गया है. बता दें कि इसके पूर्व ही बाखरपुर से पीरपैंती मुख्यालय की ओर चौखंडी के पास इसी सड़क पर बना पुल भी टूट गया था, जिसके चलते इन पंचायतों के लोग मिर्जाचौकी होकर आवागमन कर रहे थे. इस जगह भी पुल टूट जाने से अब इन पंचायतों के लोग मिर्जाचौकी भी नहीं जा सकेंगे. यह पुल दिसंबर 2022 में बन कर तैयार हुआ था, जिसका रखरखाव दिसंबर 2025 तक करना है. पुल टूटने की खबर आग की तरह क्षेत्र में फैल गयी. सूचना पाकर एसडीपीओ-2 अर्जुन कुमार गुप्ता, बाखरपुर थानाध्यक्ष पुनि आलोक कुमार 2 सहित मुखिया व जनप्रतिनिधि पहुंचे.

अब पानी कम होने पर शुरू होगी पुल निर्माण की प्रक्रिया

विभाग के कार्यपालक अभियंता अरविंद कुमार गुप्ता ने तत्काल ग्रामीणों को इस होकर गुजरने से रोकने के लिए टूटे पुल के दोनों छोर पर बैरिकेडिंग करवाई व पुलिस ने वहां चौकीदारों सहित दो सशस्त्र जवानों की ड्यूटी लगा दी है. मुखिया लक्ष्मण यादव, पिंटू यादव व अंबिका मंडल ने अंचल प्रशासन की ओर से सड़क को पार करने के लिए दो नौका की व्यवस्था करवायी है. कार्यपालक अभियंता ने बताया कि जलस्तर बढ़ जाने व सड़क पर पानी का अत्यधिक दबाव हो जाने के कारण पुल टूट गया. अब पानी कम होने पर पुल निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी.

आरसीडी की सड़क पर ग्रामीण कार्य विभाग ने बनाया था पुल

ग्रामीण कार्य विभाग की इस सड़क की महत्ता को देखते हुए इसे पूर्व और वर्तमान विधायक के प्रयास से आरसीडी को हस्तांतरित किया गया था. जिस समय इसकी घोषणा होनी ही थी, उसके पहले ही आनन-फानन में ग्रामीण कार्य विभाग की ओर से पुल का निर्माण करवा दिया गया था. स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल का निर्माण न तो अपेक्षित ऊंचाई तक व न हीं अपेक्षित गुणवत्तापूर्ण ही हुआ था.

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