अपनी मर्जी से आइसीयू बंद करने वाले डॉक्टर को हटाया गया, डॉ अर्जुन कुमार को मिली जेएलएनएमसीएच के आइसीयू की जिम्मेदारी…
भागलपुर : जेएलएनएमसीएच का आइसीयू अपनी मर्जी से हटाने का निर्णय लेने वाले डॉ महेश कुमार को भारी पड़ गया. सोमवार देर रात अस्पताल अधीक्षक डॉ अशेाक कुमार भगत ने डॉ महेश को प्रभारी पद से हटाते हुए यहां एनीस्थिसिया विभाग के एचओडी डॉ अर्जुन कुमार को तैनात कर दिया है. तीन जुलाई को डॉ महेश कुमार ने कोरोना पॉजिटिव मरीज को लेकर अजीब निर्देश जारी कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि गंभीर मरीज का पहले कोरोना जांच होगी उसके बाद ही उसे आइसीयू में प्रवेश करने दिया जायेगा.
भागलपुर : जेएलएनएमसीएच का आइसीयू अपनी मर्जी से हटाने का निर्णय लेने वाले डॉ महेश कुमार को भारी पड़ गया. सोमवार देर रात अस्पताल अधीक्षक डॉ अशेाक कुमार भगत ने डॉ महेश को प्रभारी पद से हटाते हुए यहां एनीस्थिसिया विभाग के एचओडी डॉ अर्जुन कुमार को तैनात कर दिया है. तीन जुलाई को डॉ महेश कुमार ने कोरोना पॉजिटिव मरीज को लेकर अजीब निर्देश जारी कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि गंभीर मरीज का पहले कोरोना जांच होगी उसके बाद ही उसे आइसीयू में प्रवेश करने दिया जायेगा.
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डॉ महेश ने आइसीयू सेवा को ही बंद कर दिया था
यह निर्देश सरकार के उस आदेश के बाद दिया गया, जिसमें पूरे अस्पताल को कोविड अस्पताल बना दिया गया था. इसमें स्पष्ट निर्देश था कि कोरोना मरीजों को हर हाल में आइसीयू की जरूरत हो, तो प्रदान किया जाये. इसके विपरीत डॉ महेश ने इस सेवा को ही बंद कर दिया था. मरीज के परिजनों ने जम कर हंगामा किया. अधीक्षक को इस दौरान सामने आना पड़ा. एक घंटे तक डॉ महेश का इंतजार करना पड़ा था.
अधीक्षक ने डॉ अर्जुन को आइसीयू का नया इंचार्ज बनाया
घटना का विरोध यहां के कुछ डॉक्टरों ने भी किया था. सीधे कहा था कि डॉ महेश का यह निर्णय किसी भी सूरत में सही नहीं है. आज अधीक्षक को सरकार का एक आदेश फिर से दिखाया गया, जिसमें कहा गया है कि आइसीयू का प्रभारी एनीस्थिसिया विभाग के विभागाध्यक्ष को बनाया जा सकता है. जिसके बाद अधीक्षक ने डॉ अर्जुन को आइसीयू का नया इंचार्ज बना दिया.