कहलगांव में निर्मित ड्रेजिंग मशीन को गंगा में उतारी, दूसरी आज उतारी जायेगी
ड्रेजिंग मशीन को केन्द्रीय जलमार्ग प्राधिकरण के इंजीनियरों की टीम ने जांच के बाद गंगा में उतार दिया
नमामि गंगे योजना के तहत गंगा में जमी गाद की सफाई के लिए कहलगांव में नॉलेज मेरिन कंपनी ने लगभग 10 करोड़ रुपये की लागत से तीन माह में दो ड्रोजिंग जहाज का निर्माण कार्य पूरा लिया है. शनिवार को एक ड्रेजिंग मशीन को केन्द्रीय जलमार्ग प्राधिकरण के इंजीनियरों की टीम ने जांच के बाद गंगा में उतार दिया. नवनिर्मित ड्रेजिंग मशीन एपी-4 के -0131 को गंगा में उतारा गया है. एपी- 4 -के -0132 को भी रविवार को गंगा में उतार दिया जायेगा. प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है. नॉलेज मैरिन के इंजीनियरों की टीम ने बताया कि इन दोनों मशीन का काम है गंगा का पानी घटने के बाद गंगा के जहाज मार्ग में जमें गाद को साफ कर तीन मीटर से ज्यादा गहरा करना है. इंजीनियरों ने बताया कि अक्तूबर या नवम्बर से दोनों मशीनों से गाद हटाने का काम लिया जा सकता है. इस ड्रेजिंग मशीन के निर्माण का सारा सामान मुंबई व विदेशों से लाया गया है. कंपनी के इंजीनियरों व एक्सपर्ट कामगार इसे फिटिंग किये हैं. दोनों ड्रेजिंग मशीन जहाज का निर्माण कार्य कहलगांव श्मशान घाट के निकट गंगा के किनारे कराया गया है. केंद्रीय जल पोत परिवहन विभाग के इंजीनियरों की टीम कहलगांव पहुंच कर दोनों ड्रेजिंग मशीन की जांच कर ओके किया. इसे पानी में डालने की प्रक्रिया प्रारंभ की गयी. एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि इन दोनों को गंगा में उतारने के बाद दो और छोटी ड्रोजिंग जहाज बनाया जायेगा. बाढ़ के बाद अंतर्देशीय जल मार्ग प्राधिकरण की ओर से सर्वे कराया जायेगा. जहां गंगा में तीन मीटर से कम पानी होगा, वहां गाद की सफाई कर गहरा बनाया जायेगा. जिससे माल वाहक जहाज एवं बड़े-बड़े क्रूज को आवागमन में परेशानी न हो. केंद्र सरकार की योजना के तहत गंगा में माल वाहक जहाज का परिचालन होना है. कहलगांव में क्रूज, जहाज व मालवाहक जहाज के ठहराव के लिए जेट्टी का निर्माण जल्द प्रारंभ करना है. इस कार्य में सहयोग के लिए कम्पनी के प्रोजेक्ट प्रबंधक प्रमोद पांडे ने पार्षद मो आरिफ के सहयोग की सराहना की.
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