नरेंद्र मोदी की सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट मंगलवार को पेश किया गया. इसमें एक्सप्रेस-वे, एयरपोर्ट और बिजली प्लांट का भी प्रावधान किया गया है, जो कोसी, सीमांचल व पूर्व बिहार में चमक बिखेरेगा. बिहार में तीन एक्सप्रेस-वे बनाये जायेंगे. इनमें दो एक्सप्रेस-वे पटना से पूर्णिया व बक्सर से भागलपुर का लाभ सीधे उक्त इलाकों को मिलेगा. भागलपुर, पूर्णिया, कटिहार, खगड़िया समेत आसपास के प्राय: तमाम जिले जाम की समस्या से आजिज आ चुके हैं. एक्सप्रेस-वे लोगों को जाम की समस्या से निजात दिलाने का काम करेगा. कई सड़कों से वाहनों का दबाव घटेगा. सड़क हादसे में कमी आयेगी. राज्य के तीन एक्सप्रेस-वे पर 26 हजार करोड़ रुपये खर्च का प्रावधान बजट में किया गया है. बक्सर में गंगा पर टू लेन ब्रिज बनेगा. इसका असर पूर्व बिहार और कोसी के इलाके पर भी पड़ेगा. गंगा पर बने अन्य पुल पर वाहन परिचालन का दबाव है, वह कम होगा. बिहार में नये एयरपोर्ट बनेंगे. बता दें कि भागलपुर जिले के गोराडीह प्रखंड में हवाई अड्डा के लिए कुल 692.43 एकड़ जमीन में हवाई अड्डा बनाने का प्रस्ताव सिविल विमानन निदेशालय को जिला प्रशासन द्वारा भेजा जा चुका है. इसमें वर्तमान में सरकारी भूमि 284.43 एकड़ है, जबकि रैयती (निजी) भूमि 408 एकड़ शामिल है. जमीन का अर्जन तभी शुरू होगा, जब निदेशालय की अनुमति मिलेगी. अब बजट में एयरपोर्ट बनाने का प्रावधान भागलपुर में हवाई सेवा की लंबे समय से मांग को जल्द पूरा करने की उम्मीद बढ़ गयी है. कोसी, सीमांचल और पूर्व बिहार के जिले प्राय: हर साल बाढ़ की समस्या से प्रभावित होते हैं. हजारों लोगों को बाढ़ के दौरान ऊंचे स्थानों की ओर पलायन करना पड़ता है. कभी एक महीने, तो कभी दो महीने उन्हें घर-बार छोड़ कर रहना पड़ता है. बाढ़ का सिर्फ यही असर नहीं पड़ता है. बाढ़ प्रभावित इलाकों में कटाव की समस्या के कारण कई घर नदी में कट जाते हैं. नदी की दिशा बदलने से हर बार कई किसानों की खेत नदी छीन लेती है. जानमाल का नुकसान झेलना पड़ता है. ऐसे हालात में बजट के माध्यम से बिहार में बाढ़ की समस्या से नेपाल से भारत सरकार बात करने की घोषणा और बाढ़ नियंत्रण के लिए केंद्रीय बजट में बिहार के लिए 11500 करोड़ का फंड का प्रावधान मरहम लगाने का काम करेगा. ——————- कहलगांव एनटीपीसी से बड़ा होगा पीरपैंती पावर प्रोजेक्ट कहलगांव के नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड की क्षमता 2340 मेगावाट है, जबकि पीरपैंती में बननेवाले पावर प्रोजेक्ट की क्षमता 2400 मेगावाट की होगी. कहलगांव एनटीपीसी से पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओड़िशा व सिक्किम को बिजली का लाभ मिलता है. फिलहाल यह नहीं बताया गया है कि प्रस्तावित पीरपैंती पावर प्रोजेक्ट का लाभुक राज्य कौन-कौन होगा. इस पर 21,400 करोड़ रुपये खर्च का प्रावधान किया गया है. कहलगांव एनटीपीसी लगभग 363 एकड़ जमीन पर स्थापित है. पीरपैंती पावर प्रोजेक्ट के लिए इतनी ही जमीन का उपयोग होगा या इससे कम होगा, यह फिलहाल तय नहीं हुआ है. अब मल्टीपर्पस बिल्डिंग बनने लगी है. इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि 363 एकड़ से कम जमीन ही ली जा सकती है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है