अपनी विरासत को म्यूजियम में संरक्षित करने के लिए शिक्षा देने की पहल सराहनीय
हम अपनी विरासत को म्यूजियम में कैसे संभाल कर रखते हैं यह जानकारी अपने बच्चों को दे रहे हैं. भागलपुर संग्रहालय की यह अच्छी पहल है.
हम अपनी विरासत को म्यूजियम में कैसे संभाल कर रखते हैं यह जानकारी अपने बच्चों को दे रहे हैं. भागलपुर संग्रहालय की यह अच्छी पहल है. बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों को भी इस संबंध में प्रशिक्षित करने की जरूरत है. यदि हम शिक्षकों को इस संबंध में प्रशिक्षित कर देंगे, तो वे अपने विद्यार्थियों को प्रशिक्षित कर देंगे. उक्त बातें डीएम डॉ नवलकिशोर चौधरी ने सोमवार को भागलपुर संग्रहालय परिसर स्थित आधुनिक प्रेक्षागृह में आयोजित संग्रहालय प्रबंधन एवं विरासत संरक्षण पर आयोजित एक दिवसीय सेमिनार सह व्याख्यान कार्यक्रम में कही. इससे पहले कार्यक्रम का उद्घाटन डीएम ने किया. उनके साथ संग्रहालय अध्यक्ष डॉ सुधीर कुमार यादव, हेरीटेज सोसाइटी के महानिदेशक डॉ अनंत आशुतोष द्विवेदी शामिल थे.
कार्यक्रम में डीएवी पब्लिक स्कूल, होली एंजल्स मॉडल स्कूल सहित दर्जनों विद्यालयों से सैकड़ों छात्र-छात्राओं सहित तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय से प्राचीन इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विषय के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया. संग्रहालयाध्यक्ष डॉ सुधीर कुमार यादव ने मुख्य अतिथि डीएम व अन्य अतिथि को संग्रहालय में प्रदर्शित अति महत्वपूर्ण गुप्तकालीन लकुलीश प्रतिमा के प्रतीक चिह्न से सम्मानित किया. उन्होंने डॉ अनन्ताशुतोष द्विवेदी द्वारा रचित जम्मू एवं कश्मीर हेरीटेज पर आधारित पुस्तक भी भेंट की.
डॉ सुधीर कुमार यादव ने विषय प्रवेश के माध्यम से आमजनों से अपील किया कि संग्रहालय के समुचित प्रबंधन अंतर्गत उसकी समृद्धीकरण के लिए यत्र-तत्र से प्राप्त विरासरत स्वरूप धरोहर को संग्रहालय तक पहुंचाना प्रत्येक नागरिक का नैतिक दायित्व है.डीएम ने संग्रहालय अध्यक्ष को सुझाव दिया कि टाउन हॉल में शिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा जाये. आज से 15 साल पहले एक रुपए का बड़ा सिक्का आता था, जो हमारे बच्चों ने नहीं देखा है. उन्होंने कहा कि हमारा जो इतिहास रहा है. उन सभी चीजों को संरक्षित करने की जरूरत है. हमारे विक्रमशिला विश्वविद्यालय ने अतीत में पूरी दुनिया को ज्ञान दिया. उन्होंने कहा कि संग्रहालय का आधुनिकीकरण जरूरी है. हेरीटेज सोसाइटी के महानिदेशक डॉ अनन्ताशुतोष द्विवेदी ने विरासत ओलंपियाड जैसी प्रतियोगिता में अपनी सहभागिता दर्ज करने के लिए बच्चों को प्रेरित किया. डॉ दिनेश कुमार गुप्ता, डॉ पवन शेखर तथा डॉ शिवशंकर सिंह पारिजात, भागलपुर जिले सहित अंग प्रदेश अवस्थित ऐतिहासिक विरासतों को जानने व संग्रहालय से जुड़ने के लिए प्रेरित किया. इस मौके पर विरासत प्रेमी डॉ मनोज कुमार चौधरी, पीयूष कुमार झा, संग्रहालय कर्मी कुणाल कुमार, प्रशिक्षु, नरेन्द्र कुमार, अमिताभ मिश्रा, सुनील कुमार, रेणु देवी आदि उपस्थित थे.
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