बासुकीनाथ जानेवाले कांवरियों को गुजरना पड़ा नालों से होकर
बासुकीनाथ धाम जाने के लिए शहर से हजारों की संख्या में कावंरियों रैला निकला.
बासुकीनाथ धाम जाने के लिए शहर से हजारों की संख्या में कावंरियों रैला निकला. शहर के गंगा तट से जल भर कर हजारों कांवरियों का जत्था जगदीशपुर और शाहकुंड के दो रास्तों से निकलता है. शहर के किसी कांवरिया मार्ग में कोई व्यवस्था नहीं थी. सबसे प्रमुख मार्ग तिलकामांझी चौक एवं कचहरी चौक से लेकर अलीगंज स्पिनिंग मिल तक समस्या ही समस्या है. इसमें सबसे बड़ी समस्या कचहरी चौक के समीप वी-टू के सामने सड़क पर नाला का पानी बह रहा था. इसके बाद त्रिमूर्ति चौक के आगे मार्ग में फ्लाइओवर ब्रिज निर्माण के कारण मार्ग कीचड़मय हो गया है. इशाकचक क्षेत्र के मिरजानहाट रोड पर नाला बह रहा है. ऐसे में कांवरियों को इसी नाला पर चलना पड़ा.
मार्गों पर अलग-अलग समस्याएं, नाला जाम व सड़क पर बह रहा गंदा पानीएसएम काॅलेज मार्ग से कचहरी चौक के बीच सुइया मार्ग का एहसास
कांवरिया एसएम कॉलेज सीढ़ी घाट से जल भरा और बासुकीनाथ के लिए निकला, तो उसे पूरे मार्ग में बुडको की ओर से सड़क काटने और अधूरे पेचअप वर्क के कारण सुइया मार्ग का एहसास हुआ. पैर में नुकीले कंकड़-पत्थर चुभे.
बासुकीनाथ के कांवरियों के साथ उपेक्षा क्यों सुलतानगंज के रास्ते से देवघर को जाने वाले कांवरियों के लिए हर वर्ष विशेष तैयारी रहती है, जबकि बासुकीनाथ जाने वाले कांवरियों के लिए ऐसा कुछ भी नहीं. आदमपुर कचहरी परिसर के राज पोद्दार का कहना है कि बासुकीनाथधाम जाने वाले डाक बम रात्रि में भी भारी संख्या में जाते हैं. लेकिन उनके लिए कोई खास व्यवस्था नहीं होती है. वहीं सामाजिक कार्यकर्ता रामस्वरूप सिंह का कहना है कि बरारी रोड हो या एसएम कॉलेज रोड से होकर भीखनपुर होते हुए इशाकचक, मिरजानहाट, बबरगंज, बागबाड़ी, अलीगंज में अव्यवस्था ही अव्यवस्था है. रास्ते में दूर-दूर तक अंधेरा रहता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है