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बदलने लगी कांवरिया पथ की तस्वीर

श्रावणी मेला में कांवरियों को मिलने वाली सुविधाओं को लेकर काम में तेजी आयी है

श्रावणी मेला में कांवरियों को मिलने वाली सुविधाओं को लेकर काम में तेजी आयी है. कांवरिया पथ की तस्वीर बदलने लगी है. संबंधित विभाग के अधिकारी कार्य को युद्ध स्तर पर कराने में जुटे हैं. लगभग 98 किलोमीटर की पैदल यात्रा में देश-विदेश के श्रद्धालुओं का पहुंचना तीन दिन बाद शुरू हो जायेगा. नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार ने बताया कि नप क्षेत्र में युद्धस्तर पर कार्य जारी है. दो दिनों में बचा कार्य पूरा कर लिया जायेगा. बिजली विभाग का मेंटनेस का कार्य सोमवार को जारी रहा. करंट से बचाव को लेकर पोल को पेंट किया जा रहा है. बिजली आपूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था को लेकर 11हजार का तार लगाया गया. सात घंटा से अधिक बिजली गुल रहने से लोगो को मुश्किलों का सामना करना पडा. नमामि गंगे घाट पर उद्घाटन मंच व कांवरिया पंडाल के निर्माण का कार्य चल रहा हैं. सोमवार देर शाम नप के ईओ मृत्युजंय कुमार व मुख्य पार्षद राजकुमार गुड्डू ने तैयारी की समीक्षा कर बचे कार्य को अविलंब पूरा करने का निर्देश दिया.

कांवरियों का जत्था पहुंचने लगा अजगैवीनाथ धाम

श्रावणी मेला में छह दिन बाकी है. कांवरियों का आगमन शुरू हो गया है. गुप्त नवरात्र के नवमी को सैकड़ों कांवरियाें ने गंगा जल लेकर बाबाधाम रवाना हुए. एकादशी तिथि को बाबा पर जलार्पण करेंगे.

कांवरिया पथ पर दुकान बनाने का कार्य शुरू

कच्चा कांवरिया पथ पर दुकानदार दुकान बनाने में जुट गये हैं. दुकान निर्माण में बांस का उपयोग किया जाता है. कटिहार व पूर्णिया के व्यापारी बांस को लाकर जगह-जगह रख बिक्री कर रहे हैं. पुआल की जगह पर दुकानदार त्रिपाल का उपयोग कर रहे हैं. कच्चा कांवरिया पथ पर पेयजल, रोशनी, शौचालय, चिकित्सा, साफ-सफाई को लेकर विशेष निर्देश डीएम ने दिया है. अधिकारी कार्य को पूरा करने को तत्पर हैं.

गुप्त नवरात्र के महानवमी पर मां काली की पूजा-अर्चना

नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड चार नाई टोला दक्षिणेश्वरी मंगला काली मंदिर में सोमवार को आषाढ़ नवरात्र के महानवमी को हवन के साथ प्रसाद वितरण किया गया. मंदिर में मां की प्रतिमा स्थापित है. नौ दिनों तक कलश पूजन किया गया. पंडित ने बताया कि यह नवरात्र चार नवरात्रों में एक है. आषाढ़ नवरात्र को गुप्त नवरात्र के नाम से जाना जाता है. मंदिर के प्रबंधक पंडित अशोक शास्त्री ने बताया कि इस मंदिर की स्थापना वर्ष 1906 में हुई थी. तब से मंदिर के प्रति लोगों में एक आस्था जुड़ा है. दक्षिणेश्वरी मंगला काली मंदिर में विगत कई वर्षों से कलश स्थापित कर नौ दिनों तक पूरे नियम निष्ठा से पुरोहित के द्वारा पाठ किया जाता है. महानवमी पर पूजा-अर्चना कर भक्तों ने मनोवांछित कामना के लिए प्रार्थना की. कुंवारी कन्या व ब्राह्मण भोजन के साथ भक्तों में प्रसाद वितरण किया गया.

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