= आरसीडी के भागलपुर डिवीजन को तीन साल से नहीं मिला नया काम, प्रपोजल या तो रिजेक्ट या फिर लंबित
ब्रजेश, भागलपुर
भागलपुर में पथ निर्माण विभाग (आरसीडी) को पिछले तीन वर्षों से कोई नया काम नहीं मिला है. विभाग को भी काम मिलता, तो और ज्यादा विकास कार्य होता. नागरिक सुविधाएं भी बढ़ती. आरसीडी का काम रोड बनाना है. ऐसा नहीं है कि इस विभाग ने नया काम लेने की कोशिश नहीं की है. कई योजनाओं का प्रपोजल बनाकर भेजा गया है लेकिन, मुख्यालय या तो रिजेक्ट कर दिया है या फिर उसको अटका कर रखा है. वर्तमान में इनके पास पुराने कार्यों की सिर्फ मॉनीटरिंग का काम रह गया है.इन प्रोजेक्ट को मुख्यालय ने किया रिजेक्ट
प्रोजेक्ट रिजेक्ट-1घूरनपीर बाबा चौक टू कचहरी चौक : अंडरपास का निर्माणघूरनपीर बाबा चौक से कचहरी चौक के बीच आरसीडी ने अंडरपास बनाने का प्रपोजल हेडक्वार्टर को भेजा था. इस प्रोजेक्ट को पहले साल भर तक लटका के रखा. इस पर उन्होंने कोई मतंव्य नहीं दिया. रिमाइंडर जब भेजना शुरू किया, तो प्रपोजल को रिजेक्ट कर दिया. अंडरपास का निर्माण होता, तो आम नागरिकों सहित अधिवक्ताओं को सड़क के एक ओर से दूसरी ओर आने-जाने में सहूलियत होती. प्रोजेक्ट रिजेक्ट-2चार स्कूलों के सामने फुटओवर ब्रिज का निर्माण
आरसीडी ने चार स्कूलों के सामने फुट ओवर ब्रिज निर्माण का प्रपोजल भेजा था. इस प्रोजेक्ट को भी मुख्यालय ने साल भर तक लटका कर रखा और इसके बाद इसको भी रिजेक्ट कर दिया गया. जब रिजेक्ट किया गया था, तब तत्कालीन कार्यपालक अभियंता को कारण भी नहीं बताया था.लोहिया पुल टू अलीगंज : फोरलेन का निर्माण की फाइल मुख्यालय में 13 माह से लंबित
लोहिया पुल से अलीगंज के बीच फोरलेन का निर्माण होना है. इसकी फाइल 13 माह पहले भेजी गयी है और यह अभी भी मुख्यालय में लंबित है. कई बार रिमाइंडर भी भेजा गया है. बावजूद, इसके मुख्यालय में वे अधिकारी बेफिक्र हैं, जिनके टेबल पर यहां से भेजी गयी फाइल व रिमाइंडर पहुंचती है. करीब 56 करोड़ से फोरलेन बनना है, मंजूरी मिली रहती तो बन अबतक बन गयी रहती. सड़क और मरम्मत पर खर्च नहीं करना पड़ता.घंटाघर से मायागंज अस्पताल वाया आदमपुर- खंजरपुर पथ को भी नहीं मिली मंजूरी
वैकल्पिक बाइपास के रूप में आरसीडी ने चार सड़कों को चिह्नित किया था. इसमें घंटाघर से आदमपुर वाया खंजरपुर-मायागंज अस्पताल पथ रोड भी शामिल था. यह 4.4 किमी लंबी सड़क को बनाने का प्रपोजल मुख्यालय को भेजा गया था. इस पर करीब 12 करोड़ खर्च होना था. आरसीडी के भागलपुर डिवीजन से सड़क बनाने नहीं दिया. यह सड़क स्मार्ट सिटी कंपनी को बनाने दे दिया गया. स्मार्ट सिटी कंपनी ने इस सड़क को बनवाया है.-कोट-
पिछले तीन साल से कोई नया काम नहीं मिला है. लोहिया पुल से अलीगंज तक फोरलेन निर्माण की भी भेजी गयी फाइल को स्वीकृति नहीं मिली है. सिर्फ पुराने कार्यों की मॉनीटरिंग की जा रही है.अरविंद कुमार गुप्ता, कार्यपालक अभियंतापथ निर्माण विभाग कार्य प्रमंडल, भागलपुर
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