लखीसराय : जिले के चर्चित लाली पहाड़ी के खुदाई स्थल जहां बौद्ध महाविहार का विस्तृत स्वरूप मिला था, उसके संरक्षण को लेकर मंगलवार से सर्वे का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है. पटना भवन निर्माण विभाग की ओर से लाली पहाड़ी के खुदाई स्थल के संरक्षण के लिए किये जाने वाले कार्य को लेकर डीपीआर बनाने के लिए बहाल स्वाइल टेक कंस्लटेंट एजेंसी अभियंताओं ने मंगलवार से सर्वे प्रारंभ करने के दौरान पहाड़ के सभी दिशाओं का बारीकी से निरीक्षण किया.
एजेंसी के अभियंता हेमंत दास, शोभू पांडेय के नेतृत्व में पहाड़ी का सर्वेक्षण के दौरान लाली पहाड़ी ने चारों का मुआयना किया गया. इस संबंध में टीम का नेतृत्व कर रहे हेमंत दास ने बताया कि वे लोग भवन निर्माण विभाग पटना की ओर से लाली पहाड़ी के खुदाई स्थल के संरक्षण के लिए अधिकृत किये गये हैं. जिसके बाद संरक्षण को लेकर डीपीआर तैयार किया जायेगा. जिसमें सभी बिंदुओं की जानकारी रखी जायेगी.
उन्होंने कहा कि लगभग दस दिनों के अंदर सर्वे का कार्य पूरा कर इसे भवन निर्माण विभाग को सौंप दिया जायेगा. सर्वे कार्य के सहयोग कराने में सुनील कुमार, लाल पहाड़ी के देख रेख करने वाले होमगार्ड रामप्रवेश कुमार, रवींद्र सिंह, राजा राम सिंह, अनिल सिंह, बीरबल यादव मौजूद रहे.
यहां से लकड़ी का वोटिव मिला था, जिसके बारे में कहा जात है कि भारत में यह पहली बार मिला था. इसके अलावा अनेकों ऐसी चीजें प्राप्त हुई हैं जो पर्यटकों अपनी ओर आकर्षित करेंगी. वहीं खुदाई स्थल के संरक्षित हो जाने से यह स्थल पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित करेगा. इसके साथ ही जिले में संग्रहालय का शिलान्यास भी किया जा चुका है, जिसके बनने के बाद एक जगह पर पर्यटकों को जिले के विभिन्न जगहों में खुदाई से मिली वस्तुओं को देखने का अवसर मिल सकेगा.
posted by ashish jha