रक्तदान में अंग क्षेत्र के युवाओं की सानी नहीं
समय पर रक्तदान करके जिंदगी बचाने में अंग क्षेत्र के युवाओं की सानी नहीं है.
विश्व रक्त दाता दिवस —
समय पर रक्तदान करके जिंदगी बचाने में अंग क्षेत्र के युवाओं की सानी नहीं है. समय-समय पर सामूहिक रक्तदान करके रक्त अधिकोष को खाली नहीं होने देते हैं, ताकि रक्त की कमी से किसी की जान नहीं जाये. युवा अलग-अलग संगठनों से जुड़कर लगातार जागरूकता अभियान भी चलाकर आमलोगों को जागरूक भी करते हैं. भागलपुर के रक्त दाताओं ने प्रदेश स्तर पर रक्तदान में सबसे पहला स्थान भी प्राप्त किया है.कहते हैं रक्तवीर
रक्तदान की प्रेरणा वी-केयर से मिली. अब तक 12 बार रक्तदान कर चुके हैं. रक्तदान के लिए योग्य हैं, तो दाता बनने के लिए हर किसी को विचार करना चाहिये. किसी का जीवन बचाकर आप हीरो बन सकते हैं.
यश मिश्रा, वी-केयर
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अब तक 12 बार रक्तदान कर चुके हैं. रक्तदान से आंतरिक खुशी मिलती है. किसी की जिंदगी बचती है. इससे बड़ी मानव सेवा दूसरी नहीं हो सकती है.
अभिषेक कुमार, वी-केयर
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12 बार रक्तदान करके संतुष्ट हूं. इसकी प्रेरणा वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता जयजीत घोष से मिली. बिहार बंगाली समिति, भागलपुर के पदाधिकारी हैं. रक्तदान से शरीर स्वस्थ रहता है.
अरिजित घोष, बिहार बंगाली समिति
———— अब तक 10 बार रक्तदान कर चुके हैं. वी-केयर में जुड़े वर्षों गुजर गया. इस सकारात्मक काम ने हमेशा संतुष्टि दी है. युवाओं को रक्तदान व पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रेरित कर रहे हैं.गौतम चौबे, वी-केयर
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साल 2022 में 18 जून को पहली बार रक्तदान किया था. अब तक सात बार रक्तदान कर चुके हैं. 60 वर्ष की आयु तक लगातार सही अंतराल पर रक्तदान करते रहेंगे. रक्तदान से शरीर से पुराना रक्त बाहर निकलता और नया रक्त बनता है. इससे शरीर में रक्त की शुद्धता बनी रहती है.
मनोज कुमार, पर्यावरणविद
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2017 से से लगातार रक्तदान कर रहे हैं. अब तक 17 बार रक्तदान कर चुके हैं. साल में 4 बार रक्तदान करते हैं. पहले लोगो को जरूरत होती थी, तो उन्हें डोनेट करते थे. 2019 में वी केयर से जुड़े, फिर लगातार रक्तदान कर रहे हैं. गोल्डन सिंह तोमर, वी-केयर————-
पांच बार रक्तदान कर चुके हैं. रक्तदान करके आंतरिक खुशी मिलती है. रक्तदान से समाजसेवा कर सकते हैं. इससे मानवता की रक्षा होती है. रक्तदान से लोगों से जुड़ाव बढ़ता है और लोगों की जान बचती है.
पल्लवी पांडेय, वी-केयर
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रक्तदान करना सामाजिक जवाबदेही है. प्रत्येक लोगों को रक्तदान करना चाहिए. छह बार रक्तदान कर चुके हैं. खुद तो रक्तदान करती हूं, दूसरे को भी प्रेरित करती हूं. रक्तदान से बड़ी मदद कुछ नहीं है.
साक्षी पांडेय, वी-केयर
———— रक्तदान से समाज में सहानुभूति बढ़ती है. लोगों की जान बचाने के लिए रक्तदान करना जरूरी है. दूसरों की मदद करना है तो रक्तदान जरूर करें. सामाजिक जवाबदेही इससे पूरी कर सकते हैं. अब तक 18 बार रक्तदान कर चुके हैं. कुश मिश्रा, वी-केयर ———— आज भी हमारे देश में कई लोग रक्त की कमी से अपने प्राण गवां रहे हैं. इसे ध्यान में रखते हुए रक्तदान जरूर करना चाहिए. यह सबसे बड़ा धर्म है. मानव सेवा के लिए रक्तदान जरूरी है. रक्तदान करके किसी की जान बचा सकते हैं. ऋतिक जैसवाल, तेरापंथी युवक परिषद ———– मानवता की सेवा का सबसे बड़ा मध्यम है रक्तदान है. रक्तदान के माध्यम से हम कई जिंदगी बचा सकते है. अब तक 12 बार रकदान कर करके यह साबित किया है. रक्तदान महादान है. आशीष सराफ, सामाजिक कार्यकर्ता ———– इस साल पहली बार मतदान और रक्तदान किया. सभी युवाओं को बढ़ चढ़ कर रक्तदान करना चाहिए और यह संकल्प लेना चाहिए की रक्त की कमी से किसी भी व्यक्ति की जान न जाये. संस्कार, छात्र ———— कोई भी व्यक्ति 18 साल की उम्र में रक्तदान कर सकता है. साथ ही उनका वजन 45 किलो से अधिक हो. स्वस्थ हो, तो जरूर रक्तदान करें. अब तक 11 बार रक्तदान कर चुके हैं. आगे भी जरूरतमंद के लिए करते रहेंगे. रूपेश जैन, तेरापंथी समाज ———- वर्ष 2012 से रक्तदान कर रहा हूं. अब तक 22 बार रक्तदान करके खुश हूं. गुरु व माता-पिता की प्रेरणा से रक्तदान कर रहे हैं. साथ ही 15 बार रक्तदान शिविर भी लगा चुका हूं. युवाओं को रक्तदान के लिए प्रेरित करने का भी काम कर रहे हैं. अमृत जैन, तेरापंथी युवक परिषद ———– रक्तदान के कई फायदे हैं. यह कई तरह की बीमारी से भी बचाता है. अब तक पांच बार रक्तदान कर चुकी हूं. जब भी मौका मिलेगा रक्तदान जरूर करूंगी. एक यूनिट रक्तदान से 3 लोगों को जिंदगी बचायी जा सकती है. महक जैन, तेरापंथी युवक परिषद ———– रक्तदान महादान है. रक्त का कोई विकल्प नहीं है. हम सभी को वर्ष में कम से कम एक बार रक्तदान जरूर करना चाहिए. अब तक 4 बार रक्तदान कर चुकी हूं. मोनिका राशि ———- अब तक 12 बार रक्तदान कर चुकी हूं. पति योगाचार्य व वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता निरूपमकांति पाल की प्रेरणा से रक्तदान के प्रति प्रेरित हुई. अब इसे जिम्मेदारी मानती हूं. नोमिता पाल, बिहार बंगाली समिति, भागलपुर शाखा ————– मम्मी-पापा की प्रेरणा से रक्तदान कर रही हूं अब तक चार बार रक्तदान करके संतुष्ट हूं. आगे भी जरूरतमंदों के लिए रक्तदान करूंगी. नेताजी सुभाषचंद्र बोस को प्रेरणास्रोत हैं. श्रेयश्री पाल, मुंदीचक————————-
हरेक तीन माह पर रक्तदान करती हूं. रक्तदान से किसी तरह की हानि नहीं है. रक्तदान करना महादान है. रक्त की कमी से लोगों की जान जाना, हमलोगों के लिए शर्मिंदगी की बात है.
शालिनी, एहसास एक उम्मीद अपनों की
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खून की कमी से पीड़ित एक मरीज के लिए रक्तदान किया और उनकी जान बचायी. जब भी किसी को खून की कमी होती हैं, रक्तदान करती हूं. आगे भी करूंगी.
जया भारती, एहसास एक उम्मीद अपनों की
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