वट सावित्री व्रत को लेकर व्रतियों में दिखा उत्साह, बाजार में उमड़ी भीड़
वट-सावित्री व्रत को लेकर सुहागिन महिलाओं में उत्साह है. बाजार से घर तक तैयारी पूरी हो गयी है.
वट-सावित्री व्रत को लेकर सुहागिन महिलाओं में उत्साह है. बाजार से घर तक तैयारी पूरी हो गयी है. गुरुवार को होनेवाले वट-सावित्री व्रत को लेकर बाजार में बुधवार को डलिया, पंखा, शृंगार सामान की दुकानों पर व्रतियों की भीड़ उमड़ी. ज्यादातर महिलाएं 50- 100 रुपये तक की मेहंदी से हाथ सजवा रही हैं. बुलिया मनिहार ने बताया कि सामान्य दिनों से वट-सावित्री व्रत से एक दो दिन पहले लहठी व चूड़ी खरीदने के लिए पांच गुनी महिलाओं की भीड़ उमड़ी.120 से बढ़कर 150-200 रुपये सैकड़ा लीची, तो खीरा 20-25 से बढ़कर 40-50 रुपये किलो तक बिके
व्रत से संबंधित सामान में पंखा 50 से 60 रुपये जाोड़ा, डलिया 80 रुपये जोड़ा तक, लीची 120 से बढ़कर 150 से 200 रुपये सैकड़ा, पीला केला 40 से बढ़कर 60 रुपये दर्जन, खीरा 20-25 से बढ़कर 40-50 रुपये किलो, तो आम 50 से 80 रुपये किलो, नारियल 30 से 50 रुपये पीस तक बिके.वट-सावित्री व्रत की विधि व महत्व
ज्योतिषाचार्य पंडित आरके चौधरी ने बताया कि ने बताया कि वट देव वृक्ष है. वट वृक्ष के मूल में भगवान ब्रह्मा, मध्य में विष्णु और अग्र भाग में देवाधिदेव महादेव स्थित रहते हैं. देवी सावित्री भी वट वृक्ष में प्रतिष्ठित रहती हैं.
अमावस्या का शुभारंभ पांच को, उदया तिथि के अनुसार छह होगा व्रत
ज्येष्ठ अमावस्या तिथि की शुरुआत 05 जून की शाम को 07 बजकर 54 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन छह जून को शाम 06 बजकर 07 मिनट पर होगी. पंडित सौरभ मिश्रा ने बताया कि उदया तिथि के कारण वट सावित्री व्रत 6 जून को ही मनाया जायेगा. अमृत काल समय छह जून को सुबह 05:35 से लेकर सुबह 07:16 तक है, जबकि पूजन का शुभ मुहूर्त छह जून सुबह 08:56 से लेकर सुबह 10:37 तक है. पितरों का तर्पण करने का शुभ समय दोपहर 12:45 से लेकर दोपहर 1:45 तक है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है