विकास आयुक्त-हस्तशिल्प वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में शनिवार को को एसएम काॅलेज परिसर में छात्राओं के बीच तीन दिवसीय शिल्प प्रदर्शनी सह स्वावलंबी जागरूकता कार्यक्रम का समापन हो गया. इसमें दृष्टि विहार ने सहयोग किया. कार्यक्रम में कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ हिमांशु शेख, डॉ पृथा बासु, रामलाल, राजनीति विज्ञान के शिक्षक सह विश्वविद्यालय के पीआरओ डॉ दीपक कुमार दिनकर, प्रेमलता, जय किशोर, नम्रता सिंह, डॉ श्रेया, सचिव दिलीप कुमार सिंह का योगदान रहा. सचिव दिलीप कुमार सिंह ने कहा कि छात्राओ को मंजूषा पेंटिंग,टिकली कला, ब्लॉक पेंटिंग, एवं मधुबनी पेंटिंग का प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण का उद्देश्य शिक्षा के साथ-साथ स्किल का प्रशिक्षण देकर छात्राएं स्वावलंबी बनने को प्रेरित किया. कार्यक्रम में एनएसएस तथा कॉलेज की 250 छात्राएं शामिल हुईं. इस मौके पर अंजना कुमारी, रुचि कुमारी, मिनी कुमारी, भोला प्रसाद, कृति, प्रिया, निकिता, सुरुचि, श्वेता, छोटी, दिव्या, शिवानी, रानी, निकिता उपस्थित थीं.
श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के नेता कामेश्वर चौपाल के निधन पर शोक
सत्य सनातन वैदिक समाज ने श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के नेता कामेश्वर चौपाल के निधन पर शोक व्यक्त किया है. संस्था के प्रधान संरक्षक पंडित राम प्रसाद वैदिक ने कहा कि कामेश्वर चौपाल एक सत्यनिष्ठ श्रीराम भक्त कार्यकर्ता रूप में थे. उन्होंने विश्व हिंदू परिषद से जुड़कर हिंदू संगठन को विस्तार दिया. वरिष्ठ सदस्य शिवपूजन आर्य ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण में उनका बहुमूल्य योगदान रहा. 1989 में बिहार में श्रीराम शिला पूजन कार्यक्रम को सक्रिय करने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा. सत्य सनातन वैदिक समाज के शंकर वैदिक, पुरुषोत्तम आर्य, रामप्रकाश पंडित, दिलीप दास, अजय शंकर, बाबा देवनंदन दास, देवेंद्र दास, लक्ष्मण दास, महंत बौकू दास ने भी शोक व्यक्त किया. इधर, काली पूजा महासमिति के अध्यक्ष विश्वेश आर्या ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि कामेश्वर चौपाल का उनसे पारिवारिक संबंध था. इसी कारण उनके घर पर आकर आशीर्वाद दिया था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है