नपं में सांसद कोटे से लगी तीन हाइमास्ट लाइट बनी शोभा की वस्तु
नगर पंचायत अकबरनगर में चुनाव से पूर्व सांसद ने चार हाइमास्ट लाइट लगवायी. एक माह में चार लाइट में तीन हाइमास्ट लाइट शोभा की वस्तु बन गयी है.
अकबरनगर. नगर पंचायत अकबरनगर में चुनाव से पूर्व सांसद ने चार हाइमास्ट लाइट लगवायी. एक माह में चार लाइट में तीन हाइमास्ट लाइट शोभा की वस्तु बन गयी है. नपं अध्यक्ष प्रतिनिधि अंजीत कुमार ने बताया एक हाइमास्ट लाइट किसी तरह कम रोशनी देकर जलता है, लेकिन तीन हाइमास्ट लाइट नहींं जल नहीं रही है. थाना चौक, शिव मंदिर अकबरनगर, वार्ड आठ स्थित राधा कृष्ण मंदिर, वार्ड नो स्थित विषहरी स्थान के समीप व वार्ड तीन में मस्जिद के पास लगायी गयी है. थाना चौक छोड़ अन्य तीन स्थानों पर लगी हाइमास्ट लाइट नहीं जल रही है. स्थानीय लोगोंं ने बताया कि चुनाव में वोट लेने के लिए लाइट लगा दी, लेकिन लोगों को इससे कोई फायदा नहीं हो रहा है. लोगों ने आरोप लगाया कि बेहतर कंपनी की लाइट नहीं है. लाइट जलने से यात्रियों, राहगीरों व स्थानीय लोगों को काफी सहूलियत होती. नगर पंचायत अध्यक्ष किरण देवी ने बांका के सांसद को हाइमास्ट लाइट लगने के बाद जलने में आ रही असुविधा को लेकर पत्र लिखा है. सांसद प्रतिनिधि ने बताया कि लाइट लगाने वाले कंपनी और संवेदक को जानकारी दी गयी है. जल्द ही समस्या का समाधान हो जायेगा. सुलतानगंज के राजकीय संस्कृत उच्च विद्यालय की जांच में कई खुलासा हुआ है. शनिवार को प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी रेखा भारती जब स्कूल पहुंची, तो न शिक्षक न ही बच्चे मिले. स्कूल खंडहर में तब्दील था. बीइओ ने बताया कि जांच में सिर्फ खंडहर भवन मिला, जहां कुछ वाहन लगे थे. वर्ग कक्ष, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, शौचालय, पेयजल कुछ नहीं है. शिक्षकों के स्वीकृत पद की संख्या कार्यरत की संख्या कुछ भी नहीं मिल पाया है. नामांकित छात्र भी नहीं है, जिसकी रिपोर्ट जिले को भेज दी गयी है.आधारभूत संरचना, उपलब्ध भूमि, शिक्षक, कर्मचारियों की संख्या की सूची, छात्राओं की संख्या सभी शून्य में पाया गया. वैदिक संस्कृत उवि में 90 नामांकन, एक भी बच्चे नहीं विक्रमशिला वैदिक संस्कृत उवि का निरीक्षण बीइओ ने किया. उपलब्ध भूमि साढ़े 10 कट्ठा का है, लेकिन आधारभूत संरचना में क्रियाशील वर्ग कक्षा की संख्या पांच कार्यालय सहित पाया गया. पुस्तकालय व प्रयोगशाला के तौर पर एक अलमीरा में किताब मिली. प्रयोगशाला नहीं है. शौचालय की सुविधा एक है.चापाकल एक पाया गया. शिक्षकों के स्वीकृत पदों की संख्या सात है. कार्यरत बल की संख्या दो है. कर्मियों की स्वीकृत पद की संख्या नहीं मिली. कुल नामांकित छात्रों की संख्या 90 है, लेकिन निरीक्षण के समय उपस्थित छात्राओं की संख्या शून्य है.बीइओ ने बताया कि जांच रिपोर्ट जिले को भेज दी है. मौके पर बीपीएम पुष्कर कुमार मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है