साल पूर्व शाहकुंड थाना में एक महिला ने आवेदन देकर गांव के ही एक व्यक्ति के विरुद्ध नाबालिग पुत्री का अपहरण करने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था. उक्त मामले में पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश एडीजे-7 लवकुश कुमार की अदालत ने सोमवार को सजा के बिंदु पर सुनवाई की. जिसमें कांड के आरोपित रामा मांझी को नाबालिग के अपहरण के आरोप में 3 साल कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है. जुर्माना की राशि नहीं देने पर कारावास की अवधि छह माह बढ़ाने का निर्देश दिया है. उक्त मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से पॉक्सो एक्ट के विशेष लोक अभियोजक नरेश राम और जयकरण गुप्ता ने बहस में हिस्सा लिया.
विशेष लोक अभियोजकों ने बताया कि अपहृता की मां के लिखित आवेदन पर रामा मांझी के विरुद्ध केस दर्ज किया गया था. जिसमें शौच के लिए निकली उनकी बेटी को शादी की नीयत से बहला फुसला कर अपहरण करने और उसे लेकर दिल्ली चले जाने का आरोप लगाया गया था. मामले में विगत 30 मई को ही आरोपित रामा मांझी को दोषी करार दिया गया था. जिसके बाद सोमवार को सजा के बिंदु पर हुई सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों को सुना गया.बहला फुसला कर युवती का अपहरण करने का आरोप
मोजाहिदपुर थाना क्षेत्र स्थित अपने ससुराल में रहने वाले गोपालपुर निवासी व्यक्ति ने अपनी बेटी का अपहरण किये जाने की शिकायत दर्ज करायी है. दिये गये आवेदन में उन्होंने सोनू राठौर नामक युवक पर उनकी 23 वर्षीय पुत्री को बहला फुसला कर अपहरण करने का आरोप लगाया है. दिये गये आवेदन के आधार पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. पुलिस की जांच में अब तक न तो अपहरणकर्ता का कुछ पता चला है और न ही अपहृता का. पुलिस ने मामले में टेक्निकल जांच करने के बाद भी दोनों का लोकेशन निकाल कार्रवाई करने की बात कही.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है