भागलपुर के तिलकामांझी-मनाली चौक रोड किनारे मछली बाजार दूसरी जगह शिफ्ट करने और कभी अतिक्रमण को लेकर नगर निगम की कार्रवाई झेलता रहा है. इस वजह से मछली के छोटे-छोटे व्यवसायियों को मुश्किल भी झेलनी पड़ती है. अब एक और समस्या खड़ी हो गयी है. इस मछली बाजार के क्षेत्रफल को जिला मत्स्य कार्यालय ने मानक से कम पाया है. इस कारण मछली बाजार के रूप में चयन प्रक्रिया से तिलकामांझी मछली बाजार को जिला मत्स्य पदाधिकारी ने बाहर कर दिया है.
पीरपैंती व गोराडीह का प्रस्ताव विभाग को भेजा
जिले में चार जगहों पर मछली बाजार के निर्माण की योजना थी. इसके लिए जमीन का प्रस्ताव संबंधित अंचलों से जिला मत्स्य कार्यालय ने मांगा था. गोराडीह व पीरपैंती प्रखंड से मानक के अनुरूप भूमि का प्रस्ताव प्राप्त होने के कारण इस संबंध में विभाग को सूचित कर दिया गया है. अन्य अंचलों से प्राप्त चिह्नित स्थल का रकबा मानक से कम होने के कारण निर्माण कार्य में कठिनाई है.
जगदीशपुर प्रखंड (नगर क्षेत्र अंतर्गत) वर्तमान में तिलकामांझी सैंडिस कंपाउंड के बगल में मत्स्य बाजार को चिह्नित किये जाने का प्रस्ताव चयन योग्य नहीं पाया गया है. सबौर प्रखंड अंतर्गत लैलख स्टेशन के पुल के नीचे भूमि चिह्नित की गयी, लेकिन वहां गड्ढा होने के कारण चयन योग्य नहीं पाया गया.
छह माह तक जलमग्न भूमि में बनेगा पोखर, पर अंचल गंभीर नहीं
मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना अंतर्गत साल के छह माह तक जलमग्न भूमि में तालाब या पोखर निर्माण किया जाना है. इसके तहत भौतिक लक्ष्य 37 हेक्टेयर निर्धारित है. इसमें मात्र 23 हेक्टेयर ही उपलब्धि प्राप्त किया जा सकता है. इसमें अंचल स्तर से भू-स्वामित्व प्रमाणपत्र निर्गत नहीं होने के कारण योजना के क्रियान्वयन में कठिनाई हो रही है.
निर्देश : योग्य भूमि चयनित की जाये
डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने निर्देश दिया है कि मछुआ समिति से समन्वय स्थापित कर पोखर निर्माण के लिए योग्य भूमि चयनित की जाये. संबंधित अंचल अधिकारी से अपेक्षित कार्रवाई के लिए समन्वय स्थापित किया जाये. उपलब्ध भूमि के अनुसार विभाग से मानक नक्शा में आवश्यकता के अनुसार संशोधन का अनुरोध किया जाये. विशेष मामले में यदि अंचल अधिकारी या किसी अन्य विभाग से समन्वय की आवश्यकता हो, तो प्रखंड स्तरीय समन्वय समिति में रखा जाये. इसकी सूचना अनुमंडल पदाधिकारी को भी दी जाये. इस समिति की बैठक के सात दिन पूर्व जिला विकास शाखा को उपलब्ध करा दिया जाये, ताकि कार्रवाई की जा सके.
मछली बाजार का क्या है मानक
मुख्यमंत्री मत्स्य बाजार निर्माण योजना अंतर्गत प्रखंड स्तर पर आठ हजार वर्ग फीट जमीन की जरूरत है. वहीं पंचायत स्तर पर चार हजार वर्गफीट भूमि पर मत्स्य बाजार का निर्माण किया जाना है.
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