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TMBU के MBA कोर्स में एडमिशन के लिए AICTE की मान्यता नहीं है जरूरी, कुलपति ने बताया

टीएमबीयू के कुलपति प्रो जवाहर लाल ने बताया कि विश्वविद्यालय में एमबीए कोर्स चलाने के लिए एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त करनाजरूरी नहीं है.

तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (TMBU) में चल रहे एमबीए कोर्स की मान्यता को लेकर छात्र-छात्राएं असमंजस में हैं. दूसरी तरफ टीएमबीयू के कुलपति प्रो जवाहर लाल ने कहा कि हैदराबाद में सोमवार से शुरू हुए ऑल इंडिया कुलपति कॉन्फ्रेंस में उनके एक सवाल पर एआइसीटीई के चेयरमैन टीजे सीथाराम ने कहा कि विवि में संचालित इस तरह के एमबीए कोर्स को चलाने के लिये एआइसीटीई से मान्यता लेने के लिए जरूरी नहीं है. कुलपति ने कहा कि एमबीए के लिए एआइसीटीई से मान्यता अनिवार्य नहीं है. लेकिन एआइसीटीई से नौकरियां पाने में वेटेज बढ़ जाता है.

कुलाधिपति को लिखा पत्र

टीएमबीयू में संचालित एमबीए कोर्स की मान्यता को लेकर संतोष कुमार श्रीवास्तव ने कुलाधिपति को पत्र लिखा है. साथ ही शिक्षा विभाग, सीएमओ व मुख्य सचिव को भी आवेदन भेजा है. आवेदन में संतोष कुमार ने कहा कि एमबीए कोर्स को एआइसीटीई से मान्यता प्राप्त नहीं है. एमबीए विभाग के पास अपना भवन भी नहीं है. कोर्स को मान्यता नहीं रहने से छात्रों का भविष्य अधर में है. उन्होंने एमबीए विभाग से जुड़े कई बिंदुओं से कुलाधिपति को लिखित रूप में अवगत कराया है. संतोष कुमार ने कहा कि मान्यता को लेकर कोर्स के स्टूडेंट विभाग के अधिकारी से भी मिले हैं. संतोष कुमार एमबीए विभाग के पूर्व छात्र हैं.

अंकपत्र लेने विवि पहुंची एसएम कॉलेज की छात्रा हुई बेहोश

टीएमबीयू में पार्ट थ्री का अंकपत्र लेने आयी एसएम कॉलेज की छात्रा सुप्रिया सुमन परीक्षा विभाग के मुख्य गेट के बाहर अचानक बेहोश होकर गिर पड़ी. कुछ मिनट तक बेहोश पड़ी रही. विवि के अधिकारी से लेकर परीक्षा विभाग के कर्मी तक छात्रा को उठाने के लिए नहीं पहुंचे. बेहोश छात्रा देख कर छात्राओं ने मदद करनी शुरू की. जनरल शाखा के सभी कर्मी मौके पर पहुंचे और महिला कर्मी ने छात्रा को उठा कर कार्यालय ले गयी. नमक-चीनी का घाेल पिलाने के बाद छात्रा ने कुछ हरकत की. इसी बीच जानकारी पाकर एसओ विजय मिश्रा ने प्रॉक्टर को फोन कर छात्रा को उपचार के लिए भेजने को कहा.

इधर, छात्रा की हालत बिगड़ती देख एसओ ने वीसी के पीए श्रीमंत मुखोपाध्याय को फोन किया. पीए मौके पर पहुंचे और विवि स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक को फोन कर छात्रा के उपचार के लिए व्यवस्था कराने कहा. प्रॉक्टर को भी फोन किया. फिर परीक्षा नियंत्रक को फोन कर मौके पर बुलाया.

छात्रा के अंकपत्र को लेकर परीक्षा नियंत्रक से वार्ता की. छात्रा के साथ आयी दूसरी छात्रा से सुप्रिया का कागज लेकर परीक्षा विभाग के कर्मी को सौंपा. इसके बाद एंबुलेंस विवि पहुंचा. एंबलुेंस से छात्रा को उपचार के लिए सदर अस्पताल पहुंचाया गया. तब तक छात्रा के परिजन भी अस्पताल पहुंच गये. परिजनों का कहना था कि छात्रा की हालत में सुधार है. प्रॉक्टर डॉ अर्चना साह ने कहा कि छात्रा को पहले उपचार की जरूरत थी. बाद में छात्रा को सत्र 2022-23 पार्ट थ्री का अंकपत्र दिया गया.

परीक्षा विभाग का मुख्य गेट बंद रहने से परेशानी

परीक्षा विभाग का मुख्य गेट बंद रहने से बाहर में विद्यार्थी खड़े रहते हैं. गर्मी के कारण उन्हें परेशानी होती है. इस पर प्रॉक्टर ने कहा कि परीक्षा विभाग का मुख्य गेट बंद रहने से छात्रों को परेशानी हो रही है. गर्मी बढ़ रही है. परीक्षा विभाग के मुख्य गेट के बाहर छात्रों के खड़े रहने पर लू लग सकता है. मुख्य गेट खोल कर रखा जायेगा.

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