रेलवे ट्रैक अनलोड करने में टूटा स्टील का तार, चोट लगने से टीएम कर्मी की मौत
रेलवे ट्रैक अनलोड करने में टूटा स्टील का तार, चोट लगने से टीएम कर्मी की मौत
अकबरनगर और महेशी रेलवे स्टेशन के बीच ट्रेन ट्रॉली से पहुंची रेलवे ट्रैक को अनलोड करने के दौरान ट्रैक मेंटेनेंस कर्मी मो असलम (51) स्टील का तार टूटने की वजह से चोट लगने से गंभीर रूप से जख्मी हो गये थे. घटना के बाद पहले रेलवे कर्मियों ने उन्हें एंबुलेंस बुलाकर सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया. जहां से परिजन उन्हें लेकर जीरोमाइल स्थित दो निजी अस्पताल में पहुंचे. जहां दोनों अस्पताल द्वारा मामला गंभीर बताते हुए बिना भर्ती किये बिना ही घायल को मायागंज अस्पताल रेफर कर दिया. रविवार सुबह ही घायल की मौत हो गयी. मृतक मो असलम मुंगेर जिला के गुलदार पोखर निवासी हैं. रेलवे में बतौर ट्रैक मेंटेनेंस कर्मी ही प्रतिनियुक्त थे. रविवार को शव पोस्टमार्टम के लिए लाया गया. जहां पहुंचे परिजनों का गुस्सा जीरोमाइल स्थित दो निजी अस्पताल के प्रति फूटा. उनका कहना था कि देर रात हुई घटना के बाद जब वह घायल को लेकर उक्त अस्पताल में पहुंचे तो वहां के कर्मियों और चिकित्सकों ने घायल का प्राथमिक उपचार तो दूर उसे हाथ तक नहीं लगाया. दोनों ही निजी अस्पतालों ने उन्हें मायागंज अस्पताल जाने की सलाह दे दी. जहां लाये जाने के बाद चिकित्सकों ने घायल असलम को मृत घोषित कर दिया. पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे मृतक के साला मो मेराज ने बताया रविवार सुबह उनके बहनोई मो असलम की ड्यूटी अकबरनगर स्टेशन और महेशी स्टेशन के बीच लगायी गयी थी. जहां ट्रेन ट्रॉली आने के बाद उसपर लदे रेलवे ट्रैक पर लगी स्टील की रस्सी को खोला जा रहा था. इसी दौरान स्टील की रस्सी टूट गयी. और सीधा मो असलम के सिर के बीचोंबीच लगी. मो असलम वहीं पर बेहोश होकर गिर गये. वहां मौजूद अन्य कर्मियों ने एंबुलेंस को बुलाया. करीब 20 मिनट बाद एंबुलेंस वहां पहुंची और घायल को लेकर स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर गयी. जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार करने के बाद उन्हें हाइयर सेंटर ले जाने की सलाह दी. इसके बाद सुबह के वक्त लोग असलम को लेकर निजी अस्पताल में पहुंचे थे. मृतक के परिजनों ने बताया कि मो असलम को दो बेटे हैं और दोनों ही पढ़ाई कर रहे हैं. उन्होंने रेलवे के उच्च अधिकारियों से मांग की है, मृतक के परिजनों को उचित लाभ और मुआवजा जल्द से जल्द मुहैया करायें. साथ ही मृतक के आश्रित को अनुकंपा पर नौकरी दी जाये. उन्होंने यह भी मांग की है कि अनुकंपा पर बच्चों को लगने वाली नौकरी में उन्हें फील्ड वर्क देने के बजाय ऑफिस वर्क दिया जाये.
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