स्कूल के समय भारी वाहनों के परिचालन से लगता है जाम, आक्रोश

एनएच-80 पर दो दिनों से स्कूल के समय में भीषण जाम लग रहा है. शुक्रवार को लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा

By Prabhat Khabar News Desk | June 22, 2024 3:09 AM

एनएच-80 पर दो दिनों से स्कूल के समय में भीषण जाम लग रहा है. शुक्रवार को लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. कोआ पुल से आमापुर पेट्रोल पंप तक लगे जाम से स्कूल जाने वाले छात्र-छात्राएं दूसरे या तीसरे पीरियड में स्कूल पहुंचे. स्कूल के शिक्षक भी देर से स्कूल पहुंचे. एनएच-80 के इस हिस्से पर आधा दर्जन से अधिक निजी व सरकारी स्कूल हैं. संत जोसेफ स्कूल पकड़तल्ला, एमएसके सरस्वती विद्या मंदिर, हिमालयन एकेडमी के अलावा कई सरकारी स्कूल हैं. कहलगांव शहर से हजारों की संख्या में छात्र रोजाना पढ़ाई करने पहुंचते हैं. घोघा और एकचारी से भी काफी संख्या में बच्चे इन स्कूलों में नामांकित हैं. सभी बच्चे अपने-अपने वाहन से विद्यालय आते हैं, लेकिन सड़क पर ट्रकों की लंबी कतार से बच्चों को वाहन से उतर कर पैदल चल कर विद्यालय पहुंचना पड़ता है. बच्चे समय से विद्यालय नहीं पहुंच पाते हैं.

स्कूल के समय सड़क पर चलते हैं भारी वाहन

एनएच-80 पर स्कूल खुलने व छुट्टी के समय नो इंट्री लगनी चाहिए. स्कूल खुलने व छुट्टी के समय ट्रक, हाइवा जैसे भारी वाहनों का परिचालन होते रहता है. इसके अलावा दोनों ओर से स्कूली वाहन भी चलते हैं, लिहाजा जाम लग जाता है. जल्दी स्कूल पहुंचने के चक्कर में वाहन गलत साइड पकड़ लेते हैं जिससे जाम और गहरा जाता है. एनएच की आधी सड़क की ढलाई से आधा सड़क ही क्रियाशील है. सड़क के आधा रहने से भी गाड़ियां लगातार फंस रही है.

जान जोखिम में डाल बच्चे पहुंच रहे स्कूलकोआ पुल पर ट्रकों के फंसे रहने से बच्चों को पैदल उतर कर पुल के टूटे रेलिंग को पकड़ कर पार करने के बाद स्कूल जाना पड़ा. थोड़ा असावधानी होने पर लगभग 50 फीट नीचे कोआ नाला में गिरने का डर है.

सोशल मीडिया पर प्रशासन के विरुद्ध आक्रोश

नो इंट्री में ट्रकों व हाइवा का धड़ल्ले से परिचालन से लगातार एनएच पर लगने वाले जाम से आम लोगों में प्रशासन के विरुद्ध आक्रोश है. अभिभावक व बच्चे की फोटो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए पुलिस व प्रशासन के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है.

आइपीएस से बच्चों ने लगायी थी गुहार

कुछ दिन पूर्व इस तरह की परेशानियों से तंग संत जोसेफ स्कूल के लगभग दर्जन बच्चे तत्कालीन थानाध्यक्ष व प्रशिक्षु आइपीएस अपराजित लोहान से गुहार लगायी थी. उन्होंने स्कूल के समय भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने को लेकर डीएम से बात करने का भरोसा दिया था.

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