आनंद विहार से 1344 मजदूरों को लेकर पहुंची ट्रेन, जांच के बाद भेजा क्वारेंटिन सेंटर
लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को लेकर शुक्रवार को भी एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन आनंद विहार टर्मिनल से भागलपुर पहुंची. यह अभी तक की नौवीं स्पेशल ट्रेन है, जिसके 24 कोच करीब 1344 मजदूर उतरे. श्रमिक स्पेशल ट्रेन से आने वाले सभी मजदूरों का प्लेटफॉर्म पर ही रजिस्ट्रेशन के साथ थर्मल स्क्रीनिंग की गयी.
भागलपुर : लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को लेकर शुक्रवार को भी एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन आनंद विहार टर्मिनल से भागलपुर पहुंची. यह अभी तक की नौवीं स्पेशल ट्रेन है, जिसके 24 कोच करीब 1344 मजदूर उतरे. श्रमिक स्पेशल ट्रेन से आने वाले सभी मजदूरों का प्लेटफॉर्म पर ही रजिस्ट्रेशन के साथ थर्मल स्क्रीनिंग की गयी. मजदूरों को नास्ते का पैकेट और पानी का बोतल देकर प्लेटफॉर्म से बाहर निकाला गया. इससे पहले मजदूरों के हाथों पर क्वारेंटिन की मुहर लगायी गया और निकास द्वार पर इसकी जांच की गयी. इसके बाद जो जिस जिले व प्रखंड के रहे, वहां के लिए बसों से क्वारेंटिन सेंटर भेज दिया गया.
हालांकि, बसों का रूट पहले से निर्धारित था. इधर, प्लेटफॉर्म पर ट्रेन के रुकते ही प्रशासनिक पदाधिकारियों, जिला पुलिस, रेल पुलिस, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग व रेलवे अधिकारियों ने ताली बजाकर प्रवासी मजदूरों का जोरदार तरीके से स्वागत किया. मजदूरों के ट्रेन से उतारने से लेकर रजिस्ट्रेशन समेत जांच की प्रक्रिया पूरी करने में प्रशासनिक पदाधिकारियों, जिला पुलिस बलों, रेल पुलिस, आरपीएफ, रेलवे अधिकारियों, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग व परिवहन विभाग के अधिकारियों की टीम लगी रही.
आनंद विहार टर्मिनल से आने वाली श्रमिक ट्रेन के मजदूरों को औरों की तरह बोगियों में ही बैठे कहा गया और सभी को उनके सीट पर ही रजिस्ट्रेशन फॉर्म उपलब्ध कराया. मजदूरों के सहयोग और मार्गदर्शन देने के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल प्लेटफॉर्म पर तैनात रहे.दिल्ली से आये प्रवासियों में कटिहार के ज्यादा मजदूर दिल्ली से आने वालों में भागलपुर शहर समेत बांका, खगड़िया, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज आदि के प्रवासी मजदूर रहे. प्रवासी मजदूरों में काफी संख्या में महिलाएं भी थीं.
सबकी जांच की गयी.रेल किराया तो नहीं लगा, लेकिन खाने की हुई परेशानीआनंद विहार टर्मिनल (दिल्ली) से आने वाले मजदूरों ने बताया कि उन्हें रेल किराया तो नहीं लगा, लेकिन सफर के दौरान खाने-पीने की परेशानी रही. बिहार के बाहर ही जो कुछ मिला उसी को खाकर काम चलाना पड़ा. बिहार आने के बाद भूखे स्टेशन पहुंचे हैं, तो यहां नास्ते का पैकेट और पानी का बोतल मिला है. यही व्यवस्था ट्रेन में भी टाइम टू टाइम होनी चाहिए थी. 4.27 घंटे लेट पहुंची दिल्ली से ट्रेन शुक्रवार रात 8.27 बजे दिल्ली से श्रमिक स्पेशल ट्रेन आयी. यह अपने निर्धारित समय से 4.27 घंटे लेट पहुंची. इसके पहुंचने का समय सुबह शाम बजे निर्धारित था. ट्रेन के विलंब परिचालन से मजदूरों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा.
होली के बाद नौकरी की तलाश में पहली बार गये दिल्ली, काम मिलने के साथ हुए बेरोजगार होली के बाद पहली बार काम की तलाश में दिल्ली तो गये और वहां काफी जद्दोजहद के बाद काम भी मिला. मगर, लॉकडाउन के चलते पुन: बेरोजगार हो गये. यह दर्द है कटिहार जिले के बारसोई गांव के आधा दर्जन से अधिक वैसे मजदूरों की, जो आनंद विहार टर्मिनल से श्रमिक स्पेशल ट्रेन से भागलपुर में उतरे हैं. रामानुज प्रसाद ने बताया कि वहां जिस पड़ोसी के भरोसे दिल्ली गये, उनकी भी नौकरी चली गयी. उन्हें भी साथ में लौटना पड़ा. रानी देवी ने बताया कि ढंग का काम मिल गया था. तनख्वाह भी ठीक-ठाक थी. मगर, लॉकडाउन की वजह से सब चौपट हो गया. जितना पैसा वहां मिलता, उतना अपने जिले या पटना में भी नहीं मिलेगा. अंकित कुमार, शेखर सिन्हा व रजौन(बांका) के राहुल आनंद ने बताया कि जाने के साथ गार्ड की नौकरी मिल गयी. बड़ी खुश थे कि अब घर भी पैसा भेजा करेंगे. मगर, नौकरी लगने के साथ छिन भी गयी. अब दिल्ली कभी नहीं जायेंगे.