नये आपराधिक कानून, विधि विज्ञान एवं डिजिटल पुलिसिंग आदि विषयों पर सोमवार को राज्यस्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत हुई. पटना स्थित ज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान भागलपुर रेंज के तीनों जिला के पुलिस अधिकारी व पदाधिकारी सम्मिलित हुए. भागलपुर के टाउन हॉल में तीन दिवसीय राज्यस्तरीय प्रशिक्षण में वेबकास्टिंग के माध्यम से पटना के ज्ञान भवन से जोड़ा गया. इस दौरान भागलपुर रेंज के डीआइजी विवेकानंद सहित भागलपुर, बांका व नवगछिया पुलिस जिला के वरीय अधिकारी व अनुसंधानकर्ता मौजूद रहे. बता दें कि वर्ष 2023 में केंद्र सरकार की ओर से लागू किये गये नये आपराधिक कानूनों को लेकर हाइब्रिड मोड में प्रशिक्षण दिया गया. बनाये गये नये कानून आगामी एक जुलाई 2024 से बिहार सहित पूरे देश में लागू कर दिये जाएंगे. प्रशिक्षण के दौरान सुपरवाइजिंग पदाधिकारियों और अनुसंधानकर्ताओं को इस बात की भी विस्तृत जानकारी दी गयी कि कैसे इंवेस्टिगेशन के दौरान फॉरेंसिक साइंस (विधि विज्ञान) का प्रयोग किया जा सकेगा. और किस तरह से डिजिटल पुलिसिंग को बढ़ावा दिया जा सके. अपराध के घटनास्थल पर मौजूद वैज्ञानिक साक्ष्यों के संकलन का तरीका बताया बता दें कि डिजिटल पुलिसिंग के तहत अनुसंधानकर्ता कानून में जो नये बदलाव आएंगे उन्हें डिजिटल मोड में करेंगे और किस तरह से नागरिकों को डिजिटली नयी सुविधाएं प्रदान की जाएगी इसकी भी जानकारी दी गयी. इसके अलावा प्रशिक्षण के दौरान गंभीर अपराध के घटनास्थल पर उपलब्ध वैज्ञानिक साक्ष्यों को संकलन करने, घटनास्थल की किस तरह वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी करना है इसकी विस्तृत जानकारी दी गयी. पटना स्थित ज्ञान भवन में बिहार पुलिस के डीजीपी आरएस भट्टी ने प्रशिक्षण का शुभारंभ किया. जिसमें डीजी ट्रेनिंग प्रीता वर्मा भी मौजूद रही. बता दें कि आगामी 10 दिनों के भीतर भागलपुर रेंज में मौजूद सभी पुलिस जिला के अनुसंधानकर्ताओं और सुपरवाइजिंग पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाना है. इसको लेकर भी भागलपुर सहित नवगछिया और बांका पुलिस अपने अपने स्तर से तैयारी कर रही है.
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