bhagalpur news D शोध प्रस्तावों व दो नई तकनीकों की हुई समीक्षा
बिहार कृषि विश्वविद्यालय में दो दिवसीय 27 वीं शोध परिषद की बैठक का समापन गुरुवार को कुलपति डॉ डीआर सिंह की अध्यक्षता में हो गया.
बीएयू में दो दिवसीय 27वीं शोध परिषद की बैठक संपन्न
कार्यक्रम के अंतिम चरण में धान एवं मक्का के प्रभेदों और खरपतवार नियंत्रण और चारा उत्पादन संबंधित प्रस्तावों पर विचार विमर्श हुआ. धान की एक किस्म बीआरआर 2108 के विमोचन के लिए डाॅ प्रकाश सिंह ने किया. खरीफ मक्का के लिए सबौर खरीफ मक्का किस्म के विमोचन का प्रस्ताव डाॅ एस एस मंडल द्वारा दिया गया. इस किस्म की महत्ता उपयोगिता को देखते हुए इसका विमोचन अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया तथा शोध परिषद द्वारा इस किस्म का विमोचन प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया. बताया गया कि यह खरीफ मौसम के लिए उपयुक्त तथा मध्यम अवधि 92 दिनों का है जो संकर प्रभेद की श्रेणी में आता है जिसकी उत्पादन क्षमता 72.4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होगा.
शोध परिषद की बैठक में डाॅ एस के गुप्ता द्वारा हाइड्रोपोनिक्स विधि से बिना मिट्टी के बगैर मक्का का पौष्टिक चारा उत्पादन तकनीक पर प्रस्तुतीकरण दिया गया. बताया गया कि यह तकनीक बाढ़ग्रस्त एवं सूखाग्रस्त क्षेत्रों में मवेशियों के लिए बिना मिट्टी के उत्तम क्वालिटी के चारा का कम समय में उत्पादन के लिए कारगर है. परिषद के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से इस तकनीक को विमोचित करने की स्वीकृति दी.
डाॅ मंकेश कुमार को श्रेष्ठ वैज्ञानिक की उपाधिशोध के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए पौधा प्रजनन विभाग के वैज्ञानिक डाॅ मंकेश कुमार को 2023-24 के लिए विश्ववद्यालय के श्रेष्ठ वैज्ञानिक की उपाधि से सम्मानित किया गया.
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