भागलपुर के लहेरी टाेला स्थित आस्था टावर के दाे फ्लाेर काे नगर निगम ने अवैध करारा दिया है. साथ ही अवैध दोनों फ्लोर को तोड़ने का आदेश सुनाया है. मंगलवार को नगर आयुक्त नितिन कुमार सिंह नगर निगम में अवैध निर्माण मामले की सुनवाई कर रहे थे. इस दौरान लहेरी टाेला स्थित आस्था टावर के मामले की भी सुनवाई की. इसमें दाे फ्लाेर काे तोड़ने का आदेश उन्हाेंने सुनाया.
इस पर बिल्डर के साथ पहुंचे वकील ने आग्रह किया कि दाे फ्लाेर का ज्यादा निर्माण हाे गया है, उसका विचलन शुल्क व जुर्माना देने काे हमारे क्लाइंट तैयार हैं. नगर आयुक्त ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि पहले ताे अवैध निर्माण है और वह टूटेगा. इसके बाद जुर्माना पर बात हाेगी. वकील ने जांच रिपोर्ट मांगी है. शिकायतकर्ता के अनुसार निष्पक्ष तरीके से सुनवाई में नगर आयुक्त ने दाे फ्लोर ताेड़ने का आदेश सुनाया है.
जानें, पूरा मामला
नगर निगम के अनुसार आस्था टावर में 12 फ्लैट है. यहां काेमल देवी, पति नवीन कुमार साह ने बिल्डर विनय कुमार गुप्ता से 24 लाख 56 हजार में 900 वर्गफीट का फ्लैट 19 जनवरी 2016 काे खरीदा है. उन्हें जी 4 का नक्शा दिखाकर बेचा, जबकि इस बिल्डिंग में एक और खरीदार दीपक कुमार काे जी 3 का नक्शा दिखाकर फ्लैट बेचा. बे
चने के बाद वहां दाे फ्लाेर और बना दिया और आवासीय सुविधा देने के बजाय व्यवसायिक कार्य करने लगा. पार्किंग में दूसरे अपार्टमेंट के लाेगाें की गाड़ियाें काे पार्क करने की सुविधा दी और बेसमेंट में अगरबत्ती विक्रेता व चप्पल दुकानदार काे किराये पर गाेदाम दे दिया. जब पुलिस व निगम में शिकायत हुई ताे गाेदाम खाली करवाया लेकिन उसमें अब भी ताला लगा है.
निगम में पिछले दाे साल से हाे रही सुनवाई के बाद अब नगर आयुक्त ने नक्शा से अलग बनाए गए दाे फ्लाेर काे अवैध मानते हुए ताेड़ने का आदेश दिया है. हालांकि बचाव पक्ष के वकील ने निगम प्रशासन से जांच रिपाेर्ट की काॅपी मांग ली है, ऐसे में अब ताेड़ने के आदेश जारी करने से पहले वकील काे जांच रिपोर्ट देना हाेगा. इसके बाद ही निगम प्रशासन कोई कार्रवाई कर सकता है.
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