दो-दो एसडीपीओ, नहीं थम रहा वाहनों का ओवरलोडिंग
गिट्टी व प्लाई ऐश लदा ओवरलोड वाहन लगातार दुर्घटनाओं को जन्म दे रहा है, लेकिन वाहनों को ओवरलोडिंग थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. लोगों में हैरत इस बात से है कि कहलगांव अनुमंडल में दो-दो एसडीपीओ हैं
घोघा. गिट्टी व प्लाई ऐश लदा ओवरलोड वाहन लगातार दुर्घटनाओं को जन्म दे रहा है, लेकिन वाहनों को ओवरलोडिंग थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. लोगों में हैरत इस बात से है कि कहलगांव अनुमंडल में दो-दो एसडीपीओ हैं, बावजूद पुलिस महकमा को धता बताते हुए कारोबारी ओवरलोडिंग कर अनैतिक लाभ ले रहे हैं और बीच-बीच में दुर्घटनाओं को भी ये गाड़ियां अंजाम दे रहीं हैं. बीते दिनों घोघा थाना क्षेत्र के आमापुर में हुए सड़क हादसे में छह लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई. जिसमें तीन गंभीर रूप से घायल हैं. इस हादसे में काल बने हाईवा में भी क्षमता से अधिक (ओवर लोड) गिट्टी लदा था. क्षमता से अधिक गिट्टी लदे होने के कारण हुई घटना से इंकार नहीं किया जा सकता. हफ्ते में दो-चार दुर्घटनाएं तो आम हो गयी है. बीते गुरुवार को भी एकचारी में हाईवा-ऑटो की टक्कर में दो यात्रियों की मौत हो गई.
ओवरलोड भारी वाहनों के परिचालन से कई तरह की समस्या उत्पन्न हो रही है. अक्सर असंतुलित होकर ये वाहन हादसे को जन्म दे रहे हैं. जिसका खामियाजा निर्दोष लोगों को अपनी जान देकर भुगतना पड़ रहा है. इस पर अंकुश लगना चाहिए– चांदनी देवी, उप प्रमुख, कहलगांव
गिट्टी व फ्लाई ऐश ढोने वाले अधिकांश ट्रकें ओवरलोड होकर चलता है. गाड़ियों पर आधा-अधूरा तिरपाल ढंकते हैं, सड़कों पर राख गिरती है. राख के कारण धुंध के समान धूल की प्रचुरता बनी रहती है. हम ऑटो चालकों को काफी परेशानी है.
हम ऑटो चालक हैं. हमारे आगे-आगे चलने वाले ओवरलोड ट्रकों से गिरती राख के कारण घने कोहरे के समान अंधेरा छा जाता है, जिससे ऑटो चलाने के दौरान नियंत्रण खोने का भय बन जाता है. इस पर रोक लगना चाहिए.
– पना लाल मंडल, ऑटो चालक
फ्लाई ऐश, ढोने वाले 90 फीसदी ट्रक चालक मानकों का पालन नहीं करते हैं और मनमानी तरीके से ओवरलोड गाड़ियां चलाते हैं. हमेशा हादसा होने का भय बना रहता है. – विपिन सिंहसड़कों पर काल बनकर दौड़ती है ओवरलोड गाड़ियां बीते छह माह में पीरपैंती से जीरोमाइल के बीच कई लोगों की मौत ओवरलोड ट्रकों के कारण हो चुकी है. अनुमंडल में दो-दो एसडीपीओ हैं, बावजूद अंकुश नहीं लग पाना आश्चर्य है. पदाधिकारी को सख्ती से इस पर ध्यान देने की जरूरत हैं.
-उदय भारती, ग्रामीण
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