नशा तस्करी मामले में दो को भेजा जेल, सात के विरुद्ध केस दर्ज

नशा तस्करी मामले में दो को भेजा जेल, सात के विरुद्ध केस दर्ज

By Prabhat Khabar News Desk | July 20, 2020 8:03 AM

भागलपुर: इशाकचक थाना क्षेत्र के गुमटी नंबर दो स्थित हरिजन टोला के रहने वाले 25 वर्षीय अजय दास की नशीली दवाइयों का अत्याधिक सेवन करने की वजह से मृत्यु हो गयी थी. मौत के बाद मोहल्ले के लोगों ने मोहल्ले में धड़ल्ले से चल रहे अवैध नशे के कारोबार का पर्दाफाश कर पुलिस को इस धंधे से जुड़े लोगों की जनकारी दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने फौरन मोहल्ले में छापेमारी की. छह बड़ी बोरियों में मौजूद दर्जनों से कार्टून से नशीली कफ सिरप बरामद की. मामले में पुलिस ने दो लड़कों को भी गिरफ्तार किया. गिरफ्तार युवकों में छोटू दास और नुनू शामिल है, जिन्हें रविवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

इधर, पुलिस ने बरामद नशीली दवाओं की जांच और गिनती के लिए ड्रग इंस्पेक्टर को बुलाया. जांच में पाया गया कि उक्त नशीली कफ सीरप प्रतिबंधित हैं और बिना डऍक्टर के प्रिसक्रिप्शन के इसे बेची नहीं जा सकती है. गिनती करने पर छह बड़ी बोरियों में मौजूद 30 कार्टून में कुल 1806 कफ सिरप की बोतल मिली. मामले में पुलिस ड्रग इंस्पेक्टर के बयान पर सात लोगों के विरुद्ध नामजद केस दर्ज कर लिया है. नामजद किये गये युवकों में जेल भेजे गये छोटू दास और छोटू कुमार नुनू सहित फरार परवेज दास, अखिलेश दास, दीपक दास, अमरदीप दास उर्फ वीसी और मो साहिल शामिल हैं. पुलिस उक्त सभी युवकों की तलाश में छापेमारी कर रही है. हालांकि रविवार देर शाम तक किसी अन्य आरोपित की गिरफ्तारी की सूचना नहीं मिली थी.

एक युवक की चली गयी जान, तब खुली पुलिस की नींद : बता दें कि शनिवार को नशीली कफ सिरप से हुई 25 वर्षीय अजय दास की मौत के बाद इलाके में धड़ल्ले से चल रहे नशे के अवैध कारोबार के विरुद्ध छापेमारी करने के लिए पुलिस की नींद खुली. घटना से पांच दिन पूर्व यानी 13 जुलाई को ही गुमटी नंबर दो स्थित हरिजन टोला की महिलाओं ने डीआइजी कार्यालय पहुंच इस बात की शिकायत करनी चाही. पर लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंस की वजह से महिलाओं को अपनी शिकायत डीआइजी कार्यालय में मौजूद शिकायत पेटी में डाल वापस आ गये थे. डीआइजी कार्यालय से लौटते वक्त महिलाओं और मोहल्ले के लोगों ने इशाकचक थाना पहुंच थानेदार से भी इस बात की शिकायत की. पर इशाकचक पुलिस ने यह कहकर टाल दिया था कि अगर मोहल्ले के लोग उन्हें सूचना देंगे तब ही पुलिस कार्रवाई करेगी. पर जब तक पुलिस की आंख खुलती तब तक एक युवक की जान जा चुकी थी.

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