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TMBU News: टीएमबीयू शोधगंगा पोर्टल पर थीसिस नहीं कर पा रहा अपलोड

वर्ष 2016 से 2023 तक लगभग पांच साै ही थीथिस हो सका है ऑनलाइन

– वर्ष 2016 से 2023 तक लगभग पांच साै ही थीथिस हो सका है ऑनलाइन

तिलकामांझी भागलपुर विवि शोध गंगा पोर्टल पर थीसिस ऑनलाइन अपलोड नहीं कर पा रहा है. ऐसे में विवि प्रशासन द्वारा शोध साहित्य में नकल रोकने के लिए उठाये जा रहे कदम नाकाबिल साबित हो रहे हैं. विवि ने वर्ष 2016 से 2023 के कुछ माह तक ही शोध गंगा पोर्टल पर लगभग 500 शोध थीसिस ऑनलाइन कर पाया है. शोध गंगा पोर्टल पर विवि ने 2016 से लेकर 2023 तक विभिन्न विषयों को मिला कर थीसिस ऑनलाइन किया है. इसमें हिंदी, अंग्रेजी, साइंस, इतिहास, मैथिली, राजनीति विज्ञान सहित अन्य विषय शामिल है.

वाईफाई की सुविधा नहीं व कंप्यूटर भी है खराब

सूत्रों के अनुसार कुछ माह से शाेध गंगा पोर्टल पर अपलोड करने की प्रक्रिया बंद है. बताया जा रहा है कि वाईफाई की समुचित व्यवस्था नहीं है. कंप्यूटर में भी तकनीकी खराबी आ गयी है. बिजली जाने पर पूरा सिस्टम बंद हो जाता है. ऐसे में जेनरेटर की भी सुविधा नहीं है. ऐसे में काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है. पूर्व में व्यवस्था रहने पर पोर्टल पर थीसिस अपलोड किया गया था.

विवि से हर साल दर्जनों छात्रों को मिलती है पीएचडी की उपाधि

विवि के एक अधिकारी ने बताया कि विवि से हर साल दर्जनों छात्रों को विभिन्न विषयों में पीएचडी की उपाधि मिलती है. वर्ष 2023 में 40 से अधिक छात्र-छात्राओं को पीएचडी की उपाधि दी गयी है. जबकि कुछ शोधार्थी को 2024 के अंतर्गत उपाधि मिलना बाकी है.

यूजीसी से टीएमबीयू का हुआ एमओयू

पटना में दिसंबर 2022 में उच्च शिक्षा विभाग ने बैठक बुलायी थी. इसमें टीएमबीयू ने यूजीसी से एमओयू किया है. प्रत्येक पीएचडी गाइड को फ्री में शोध शुद्धि सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराने की बात कही गयी थी. यूजीसी ने शोध कंटेंट की चोरी रोकने के लिए शोध शुद्धि सॉफ्टवेयर व शोध गंगा सहित सात सेवा पाने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किये हैं.

वाईफाई की एक-दो दिन में व्यवस्था करायी जायेगी : निदेशक

विवि के सेंट्रल लाइब्रेरी के निदेशक डॉ रामाशीष पूर्वे ने कहा कि वाईफाई की सुविधा एक-दो दिन में उपलब्ध करायी जायेगी. साथ ही कंप्यूटर की तकनीकी खराबी को ठीक कराया जायेगा. उन्होंने कहा कि थीथिस अपलोड करने वाले संबंधित कर्मचारी को भी निर्देश दिया गया है कि सारी व्यवस्था के बाद प्रतिदिन अपलोड की गयी थीथिस की संख्या के बारे में जानकारी देंगे. साथ ही इसमें किसी प्रकार की काेताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. उन्होंने कहा कि रिसर्च शाखा से भी कहा गया कि पीएचडी थीसिस उपलब्ध कराये. ताकि प्रक्रिया को तेजी से किया जा सके.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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