भतीजे की बलि देने वाले चाचा सहित तांत्रिक को उम्रकैद, 50 हजार जुर्माना
भतीजे की बलि देने वाले चाचा सहित तांत्रिक को उम्रकैद, 50 हजार जुर्माना
पीरपैंती स्थित हुजूरनगर पंचायत के बिनोबा टोला के रहने वाले सिकंदर रविदास के 10 वर्षीय बेटे कन्हैया की उसके चाचा ने नरबलि दे दी थी. बच्चे की चाहत में तांत्रिक के चक्कर में फंसकर चाचा व तांत्रिक ने मिल कर घटना को अंजाम दिया था. मामला काफी दिनों तक चर्चा में भी रहा था. घटना के बाद पांच सालों तक मामले में एससी/एसटी एक्ट के विशेष न्यायाधीश दीपक कुमार की अदालत में चले मामले के दौरान शुक्रवार को सुनवाई पूरी की गयी थी. जिसमें कोर्ट ने आरोपित चाचा शिवनंदन रविदास और तांत्रिक विलास मंडल को दोषी करार दिया गया था. सोमवार को मामले में सजा के बिंदु पर सुनवाई की गयी. जिसमें दोनों ही आरोपितों को आजीवन कारावास सहित 50 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है. मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से एससी/एसटी एक्ट के विशेष लोक अभियोजक रमेश चौधरी ने बहस में हिस्सा लिया. क्या था मामला, कैसे हुई थी घटना : 27 अक्तूबर 2019 को दिवाली की रात थी. दस वर्षीय कन्हैया का उसके चाचा शिवनंदन रविदास ने पेड़ा खिलाने के लिए ले जाने के बहाने अपहरण कर लिया था. जिसके बाद अगले दिन सुबह गांव के ही बांसबिट्टी में बच्चे का क्षत विक्षत शव मिला. शरीर पर कई जगहों पर धारदार हथियार से किये गये वार के निशान थे. जिसमें गला और कलाई को रेता गया था और पेट भी फाड़ दिया गया था. पुलिस ने तत्काल मृत बच्चे की मां मीना देवी के फर्द बयान के आधार पर केस दर्ज किया और घटना में संलिप्त चाचा शिवनंदन रविदास को गिरफ्तार किया. पूछताछ के दौरान उसकी निशानदेही पर पुलिस ने तांत्रित विलास मंडल को भी गिरफ्तार किया था. पुलिस हिरासत में आरोपित चाचा ने अपने जुर्म को स्वीकार कर बताया था कि एक सप्ताह पहले ही तांत्रित के बहकावे में आकर दोनों ने दिवाली की रात एक बच्चे की नरबलि देने की साजिश रची थी. वह पहले गुजरात के एक कंपनी में गार्ड का काम करते हैं. गुजरात जाने से पहले तांत्रिक ने पूजा के नाम पर 15 हजार रुपए लिए.थे. छह माह बाद दुर्गापूजा में घर आए और तांत्रिक से कहा कि अब तक संतान नहीं हुआ. इस पर तांत्रिक ने कहा कि सिकंदर की पत्नी मीना देवी तुम्हारी पत्नी की कोख पलट देती है. अमावस्या की संध्या में यदि उसके बेटे की बलि दे दोगो तो तुम्हारी पत्नी की गोद भी भर जाएगी. तांत्रिक के कहने पर 27 को देर शाम उठाया और उसी रात भतीजे की बलि दे दी. इसके बाद खून का टीका लगाकर दोनों अपने-अपने घर चले गए. पुलिस ने मामले में शिवनंदन के घर से घटना में प्रयुक्त चाकू, कपड़े और भभूत बरामद किया था.
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