मायागंज में मरीज की मौत पर हंगामा, डॉक्टरों ने परिजन को कमरा बंद कर पीटा
जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, मायागंज रविवार को रणक्षेत्र बन गया. एक ओर जहां मरीज की मौत पर परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया, तो डॉक्टरों ने परिजनों को कमरा बंद करके पीटा और परिजनों के साथ गाली-गलौज किया.
जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, मायागंज रविवार को रणक्षेत्र बन गया. एक ओर जहां मरीज की मौत पर परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया, तो डॉक्टरों ने परिजनों को कमरा बंद करके पीटा और परिजनों के साथ गाली-गलौज किया.
मुंगेर दरियापुर के विजय सिंह की पत्नी कैंसर पीड़ित वीणा देवी 54 साल को रविवार को दोपहर में गंभीर स्थिति में भर्ती कराया गया. अस्पताल के फैब्रिकेटेड वार्ड में भर्ती कराया गया था. पुत्र प्रिंस कुमार ने बताया कि उनकी मां का इलाज एक साल से कैंसर का इलाज दिल्ली में हो रहा था. अचानक रविवार को सुबह स्थिति खराब हुई, तो मायागंज अस्पताल लेकर आये. यहां डॉ एचएस शमा की यूनिट में इलाज हो रहा था. यहां भी स्थिति नहीं सुधरी. चिकित्सकों द्वारा आइसीयू में एडमिट करने की सलाह दी. इस दौरान आक्सीजन की कमी महसूस हुई. जब आक्सीजन की मांग की गयी, तो पूरे वार्ड का ही ऑक्सीजन समाप्त हो गया था. आइसीयू में बेड नहीं मिला. आपाधापी में मरीज की स्थिति बिगड़ गयी और मौत हो गयी. जब चिकित्सक से ऑक्सीजन देने की गुहार लगायी गयी, तो आग-बबूला होकर सभी परिजनों के साथ गलत बर्ताव करना शुरू कर दिया. मां की मौत के बाद सभी परिजनों को आक्रोश भड़क गया, तो डॉक्टरों ने ऑक्सीजन कर्मचारी की मदद से बंद कमरे में बुरी तरह से मारपीट की. इसमें उनके बहनाई कुंदन सिंह व अन्य परिजन घायल हो गये. फिर पुलिस ने आकर मामले को शांत कराया. बाद में अस्पताल के पदाधिकारी ने चिकित्सक की ओर से माफी मांग ली. लगभग आधे घंटे तक फैब्रिकेडेट वार्ड अशांत रहा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है