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बहाली में रिक्ति का मामला फिर पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

राज्य के विश्वविद्यालयों में बिहार विवि सेवा आयोग से की जा रही असिस्टेंट प्राेफेसर की बहाली में रिक्ति का मामला एक बार फिर से सुप्रीम काेर्ट पहुंच गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 17, 2024 9:44 PM

राज्य के विश्वविद्यालयों में बिहार विवि सेवा आयोग से की जा रही असिस्टेंट प्राेफेसर की बहाली में रिक्ति का मामला एक बार फिर से सुप्रीम काेर्ट पहुंच गया है. इस बार दर्ज कराये गये तीन स्पेशल लीव पिटीशन (एसएलपी) में आराेप लगाया गया है कि महिलाओं के अलग-अलग आरक्षण कोटि वर्ग में 619 रिक्तियां सामान्य काेटि में हैं. इस बाबत डॉ चक्रवीर कुमार, राजेश कुमार चौधरी व अनिल कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति प्रक्रिया से असंतुष्टि जताते हुए एसएलपी दर्ज कराया है. मामले में सुप्रीम कोर्ट में दाे अगस्त को सुनवाई हुई. कोर्ट ने कहा कि जारी नियुक्ति प्रक्रिया में किसी प्रकार के नियम की अनदेखी हाे रही है. ऐसे में सुप्रीम काेर्ट जाे आदेश देगा. उससे पूरी नियुक्ति प्रक्रिया प्रभावित हाेगी. अब काेर्ट ने मामले में अगली सुनवाई सितंबर में होगी. क्या मामले है मामला बताया जा रहा है कि डॉ चक्रवीर कुमार ने याचिका में कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया में पूर्व में काेर्ट ने रिक्ति का राेस्टर संशाेधित करने काे कहा था. रोस्टर को संशोधित भी किया गया, लेकिन अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अत्यंत पिछड़ा वर्ग व पिछड़ा वर्ग महिला के बैकलॉग की 619 रिक्तियां घटा दी गयी हैं. जबकि आयाेग ने वर्ष 2020 में विज्ञापन जारी किया था. उस समय रिक्ति संबंधित आरक्षित वर्ग में शामिल किया गया था. अब इन रिक्ति काे अनारक्षित वर्ग में जोड़ दिया गया है. याचिकाकर्ता ने आवेदन में कहा है कि विवि सेवा आयोग ने कुल 4638 रिक्ति का विज्ञापन दिया है. सरकार ने हाइकोर्ट में इस केस में काउंटर एफिडेविट दिया था कि नियुक्ति प्रक्रिया में अनारक्षित वर्ग की कुल रिक्ति 1223 है. इसमें ईडब्ल्यूएस के 309 पद हैं. दाेनाें मिलाकर 1632 पद हो जाते हैं. ऐसे में उन सभी कोटि काे मिलाकर कुल रिक्ति 3264 होती हैं. शेष 1374 रिक्तियां बैकलॉग की हैं. राज्य सरकार ने उस बैकलॉग को घटाकर 755 कर दिया है. इसमें अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व पिछड़ा वर्ग महिला काेटि में 619 रिक्ति का नुकसान हुआ है. याचिकाकर्ता राजेश कुमार चौधरी व अनिल कुमार का दावा है कि अधिक बैकलॉग सीट है. पहले स्पेशल ड्राइव बैकलॉग की नियुक्ति प्रक्रिया की जाये. इसके बाद ही वर्तमान रिक्ति पर नियुक्ति की प्रक्रिया की जाये.

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