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गुरु पूर्णिमा पर शहर में होंगे विविध आयोजन, चारों तरफ दिखेगी गुरु की महिमा

गुरु पूर्णिमा पर 21 जुलाई रविवार को जिले के विभिन्न स्थानों पर कई कार्यक्रम होंगे. कहीं गुरु महिमा, गुरु पूर्णिमा महोत्सव, तो कहीं गुरु पूजा का आयोजन होगा.

By Prabhat Khabar News Desk | July 15, 2024 10:51 PM

गुरु पूर्णिमा पर 21 जुलाई रविवार को जिले के विभिन्न स्थानों पर कई कार्यक्रम होंगे. कहीं गुरु महिमा, गुरु पूर्णिमा महोत्सव, तो कहीं गुरु पूजा का आयोजन होगा. इसे लेकर तैयारी अंतिम चरण में है.

कुप्पाघाट आश्रम में गुरु पूर्णिमा महोत्सव

कुप्पाघाट स्थित महर्षि मेंहीं आश्रम में गुरु पूर्णिमा महोत्सव होगा. आश्रम प्रवक्ता डॉ गुरु प्रसाद बाबा ने बताया कि यहां पुष्पांजलि, सत्संग, भजन व भंडारा होगा. इसमें देश के विभिन्न स्थानों के श्रद्धालुओं का जुटान होगा. अखिल भारतीय संतमत सत्संग महासभा के महामंत्री दिव्य प्रकाश ने बताया कि आश्रम परिसर में विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है. कार्यक्रम का शुभारंभ प्रात: 6:00 बजे स्तुति विनती और ग्रंथ पाठ से होगा. इसके बार गुरु के चरणों में पुष्पांजलि कार्यक्रम होगा. 11 बजे भंडारा का आयोजन होगा. दोपहर दो बजे गुरु की महिमा, सद्गुरु के कृतित्व पर प्रकाश डाला जायेगा. इस दौरान भजन-कीर्तन का भी आयोजन होगा. संतमत के वर्तमान आचार्य हरिनंदन बाबा एवं गुरुसेवी भगीरथ दास महाराज के सानिध्य में पूरा आयोजन होगा.

आयोजन को लेकर महामंत्री दिव्य प्रकाश, मंत्री मनु भास्कर, व्यवस्थापक अजय जायसवाल, रमेश बाबा, पंकज बाबा, संजय बाबा, विद्यानंद बाबा, अमित कुमार, सूरज आदि लगे हैं.

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शारदा संगीत सदन में होगा गुरु पूजन

दीपनगर चौक समीप स्थित शारदा संगीत सदन में रविवार को संध्या चार बजे गुरु पूजन उत्सव होगा. इस दौरान संरक्षक पंडित शंकर मिश्र नाहर व प्राचार्य शर्मिला नाहर के संचालन में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा. वहीं दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान, भागलपुर की ओर से चार अगस्त को गुरु पूर्णिमा महोत्सव होगा. विशेष आयोजन लखीसराय टाउन हॉल में होगा. भागलपुर में गुरु पूजन कार्यक्रम होगा.

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भगवा ध्वज की होगी पूजा

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सभी स्वयंसेवक भगवा ध्वज की पूजा करेंगे. संघ के हरविंद नारायण भारती ने बताया कि इसमें किसी व्यक्ति को गुरु नहीं माना जाता है. इसमें तत्वनिष्ठा को ही गुरु माना गया है. भगवा ध्वज को गुरु माना गया है. इसमें ध्वज की पूजा गुरु के रूप होगी. पूजा-अर्चना के बाद वरिष्ठ स्वयंसेवक का प्रवचन गुरू की महिमा पर होगा. इसी क्रम में सभी स्वयंसेवक संघ को दक्षिणा अर्पित करेंगे.

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