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नहीं शुरू हो सकी सिटी बस सर्विस और न ही यात्री शेडों के फिरे दिन, बिक रही हैं सब्जियां

बिहार राज्य पथ परिवहन निगम (बीएसआरटीसी) भागलपुर की स्मार्ट सिटी में बस चलाने की योजना दो साल बाद भी आगे नहींं बढ़ी है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 3, 2024 1:28 AM

नहीं शुरू हो सकी सिटी बस सर्विस और न ही यात्री शेडों के फिरे दिन, बिक रही हैं सब्जियां

यह शहर स्मार्ट कैसे बनेगा? यह लोगों का एक बड़ा सवाल जिम्मेदार अफसरों से है.

वरीय संवाददाता, भागलपुरबिहार राज्य पथ परिवहन निगम (बीएसआरटीसी) भागलपुर की स्मार्ट सिटी में बस चलाने की योजना दो साल बाद भी आगे नहींं बढ़ी है. बसों का परिचालन नहीं होने से शहर में जगह-जगह बने यात्री शेड में कहीं सब्जियां बिक रहीं हैं तो कहीं दुकानें सजती है. बड़े शहरों के तर्ज पर भागलपुर में सिटी बस चलाने की योजना का प्रस्ताव बिहार राज्य परिवहन निगम की ओर से था. प्रस्ताव के सामने आने के बाद से लोगों खुशी देखी गयी थी. बीएसआरटीसी भागलपुर ने इसके लिए 14 जनवरी 2022 को प्रमंडलीय आयुक्त को पत्र लिखा था. इसकी कॉपी नगर निगम को भी दी गयी थी, ताकि स्मार्ट सिटी में स्मार्ट बस सुविधा का इंतजाम हो सके. शहर में जीरोमाइल, घूरनपीर बाबा चौक, मोजाहिदपुर थाना के सामने, सेंट टेरेसा स्कूल के नजदीक सहित कई जगहों पर यात्री शेड हैं.

बस और ऑटो का इंतजार करने के बजाय हाथ देकर जहां मन चाहते हैं वहीं रोक लेते हैंसिटी या अन्य सरकारी बसों सहित ऑटो व इ-रिक्शा का ठहराव होता नहीं, लिहाजा यहां बस का इंतजार करने के बजाय लोग हाथ देकर जहां मन चाहते हैं वहीं रोक लेते हैं. चालक भी रोड पर ब्रेक मारकर खड़े हो जाते हैं. ऐसी स्थिति में चौराहे हो या फिर अन्य जगहों पर जाम जैसी स्थिति बन जाती है. बावजूद, इसके इस तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है. ऐसी स्थिति में यह शहर स्मार्ट कैसे बनेगा? यह लोगों का एक बड़ा सवाल जिम्मेदार अफसरों से है.

ऐसे में कैसे स्मार्ट बनेगा यह शहर

स्मार्ट सिटी के तहत शहर के अंदर बस शेल्टर यानी स्टॉपेज बनाने की भी प्लानिंग थी. बस स्टॉपेज बनाने के लिए रोड किनारे यात्रियों को इसकी जरूरत के हिसाब से स्थानों का चयन किया जाना था. मंशा थी कि इनके बन जाने के बाद सिटी व सरकारी बसें यहीं से सवारियों को उतारेंगी और बैठायेंगी. मगर ऐसा यह मंशा यहां पर धूल फांकती हुई नजर आ रही है. ऐसी स्थिति में पूर्व की भांति परंपरागत तरीके से लोग जहां मन चाहते हैं हाथ देकर बसों को रोक लेते हैं. यही हाल सवारियों के उतरते वक्त भी होता है. बताते चलें कि सवारी के हाथ देते ही चालक रोड पर ही बसों को रोक कर उन्हें बैठाते हैं. ऐसे में जाम की समस्या बढ़ जाती है. लोगों का वक्त बेवजह बर्बाद होता है.

बॉक्स मैटर

सिटी बस सर्विस होने से लोगों को तय समय में अपने गंतव्य तक जाने में होती आसानी

बीएसआरटीसी के दिए प्रस्ताव के मुताबिक भागलपुर को सेंटर मानकर 11 बसों का परिचालन कराया जाता, जो भागलपुर को जोड़ने वाले प्रत्येक महत्वपूर्ण जिलों या अनुमंडलों से जुड़ा रहता. इसमें सभी ऑटो व अन्य चारपहिया वाहनों में लोगों को अपने गंतव्य तक जाने में ज्यादा रुपये खर्च करने पड़ते हैं. इसके अलावा ट्रेन का भी कम विकल्प है. ऐसे में सिटी बस सर्विस हो जाने के बाद लोगों को एक तय समय में अपने गंतव्य तक जाने में आसानी होती है. आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को भी इसके लिए आसानी होती. सिटी बस सर्विस से भागलपुर-नवगछिया, भागलपुर-सुलतानगंज, भागलपुर-कहलगांव आदि स्थानों के लिए बसों का परिचालन होता.

कोट

स्मार्ट बस सर्विस के लिए स्मार्ट सिटी कंपनी को प्रपोजल दिया गया था लेकिन, वह इसमें रूचि नहीं ली. प्रमंडलीय आयुक्त को भी पत्र लिखा था. इसकी कॉपी नगर निगम को भी दी गयी थी, ताकि स्मार्ट सिटी में स्मार्ट बस सुविधा का इंतजाम हो सके. लेकिन, अबतक बात नहीं बन सकी है.

पवन कुमार शॉडिल्य, क्षेत्रीय प्रबंधक, पथ परिवहन निगम, भागलपुरB

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