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भागलपुर में कब बनेगा विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय? 9 साल बाद भी सरकारी फाइलों में ही घूम रहा प्रोजेक्ट

भागलपुर में विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय का निर्माण 9 साल बाद भी केवल सरकारी फाइलों में ही घूम रहा है. जानिए कहां पेंच अटका हुआ है.

भागलपुर में विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय के निर्माण की घोषणा प्रधानमंत्री ने वर्ष 2015 में ही की थी. इसे पीएम पैकेज में शामिल किया गया था. इसके लिए राशि भी जारी कर दी गयी. लेकिन घोषणा हुए नौ वर्ष जैसी लंबी अवधि गुजर जाने के बाद भी सरकारी फाइलों में ही विवि निर्माण की प्रक्रिया घूम रही है. इसे लेकर 31 अक्टूबर, 2023 को ही जमीन चिह्नित कर तत्कालीन डीएम ने जमीन का ब्योरा व मुआवजा राशि की रिपोर्ट तैयार कर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को भेज दी थी. विश्वविद्यालय के लिए कहलगांव के अंतीचक मौजा में 88 एकड़ 99 डिसमिल और मलकपुर मौजा में 116 एकड़ 50 डिसमिल जमीन चिह्नित की गयी है.

जमीन अर्जित करने की कार्रवाई शुरू नहीं हो सकी

विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए मलकपुर मौजा में 23 एकड़ 80 डिसमिल जमीन सरकारी है. अंतीचक की जमीन अर्जित करने के लिए मुआवजे की राशि 54 करोड़ 81 लाख 63 हजार 142 रुपये और मलकपुर के लिए 33 करोड़ 18 लाख 18 हजार 213 रुपये आंकी गयी है. लेकिन आज तक जमीन अर्जित करने की कार्रवाई शुरू नहीं की जा सकी है.

पहले 500 एकड़ जमीन में विवि निर्माण का था निर्णय

पहले 500 एकड़ पर विक्रमशिला केंद्रीय विवि बनाने का प्लान था, लेकिन बाद में यह 200 एकड़ तक सीमित हो गया. वरीयता के आधार पर जमीन व लागत की रिपोर्ट भी जिले से भेजी गयी. लेकिन भूमि अधिग्रहण तक का काम शुरू नहीं हो सका.

विवि बनने पर विक्रमशिला का गौरव लौटेगा

ऐतिहासिक विक्रमशिला महाविहार कहलगांव अनुमंडल स्थित अंतीचक में स्थित है. वर्तमान में इसका भग्नावशेष बचा है. यह दुनिया के सबसे पुराने उच्च शिक्षण संस्थानों में शामिल है. इसकी स्थापना पाल वंश के राजा धर्मपाल ने की थी. अपनी स्थापना के तुरंत बाद ही विक्रमशिला ने अंतरराष्ट्रीय महत्व को प्राप्त लिया था. यहां बौद्ध धर्म और दर्शन के अतिरक्त न्याय, तत्वज्ञान, व्याकरण आदि की भी शिक्षा दी जाती थी. केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए जो जमीन चिह्नित की गयी है, वह विक्रमशिला महाविहार के पास ही है. विवि बन जाने से अध्ययन, शोध व अध्यापन कार्य होगा और महाविहार का गौरव लौटेगा.

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