भागलपुर से आनंद बिहार टर्मिनल (दिल्ली) चलने वाली विक्रमशिला एक्सप्रेस में सामान्य श्रेणी को यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लंबी लाइन में लगने के बाद भी ट्रेन पर सवार होने से वंचित रह जाते हैं. दरअसल, ट्रेन में जनरल कोच की संख्या सिर्फ दो रह गयी है, जबकि यात्रियों की संख्या अधिक हैं. नतीजतन रोजाना कई यात्रियों को लाइन में लगने के बाद भी निराश होकर लौटना पड़ता है.
दो बोगी में दो सौ सीट, यात्री तीन सौ से अधिक
विक्रमशिला एक्सप्रेस में दो जनरल कोच में कुल दो सौ सीट हैं. एक कोच में सौ सीट रहता है. सुबह दस बजे से जनरल कोच के लिए यात्रियों की कतार लग जाती है. इतना ही नहीं कोच में बैठने से पूर्व आरपीएफ से नंबर लेना पड़ता है. जिस यात्रि को नंबर मिलता है वही कोच में सवार हो सकते हैं. आपाधापी से बचने के लिए नंबर की व्यवस्था की गयी है.
जनरल कोच की संख्या घटकर रह गयी दो
कुछ साल पहले तक विक्रमशिला एक्सप्रेस में जनरल कोच की संख्या थी. जिसे घटाकर पहले तीन और अब दो कर दिया गया है. रेलवे ने कोचों की संख्या कम की लेकिन यात्रियों की संख्या बढ़ते जा रही है. यही वजह है कि रोजाना यात्रियों को वापस लौटना पड़ता है. यही हाल एलटीटी एक्सप्रेस की भी है.