उत्तर बिहार को भागलपुर शहर से जोड़नेवाला विक्रमशिला सेतु पर वाहनों का दबाव बढ़ता ही जा रहा है. बढ़ते दबाव से पुल की हालत खराब होती जा रही है मगर, इसके दुरुस्तीरण के लिए पटना से लेकर दिल्ली तक के अधिकारी गंभीर नहीं है. स्थिति यह हो गयी है कि 4.7 किलोमीटर लंबे इस विक्रमशिला सेतु को उसपर बने डेढ़ दर्जन से ज्यादा बड़े-बड़े गड्ढों से खतरा हो गया है. छोटी गाड़ियां गड्ढों में फंस कर बंद हो जा रही है, तो वहीं, बड़ी गाड़ियां एक-एक फीट तक उछल जा रही है. गड्ढों से भारी वाहनों के गुजरने से पुल के एक्शपेंशन ज्वाइंट और पायों पर दबाव बढ़ता जा रहा है. कई एक्सपेंशन ज्वाइंट क्षतिग्रस्त हो चुका है. कुछ जगहों का स्पेन दूसरे स्पेन के समानांतर में नहीं रह गया है. ऐसी हालत में जो अबतक सही ज्वाइंट्स, उसके रड और एंगल है, उसके भी कमजोर होकर टूटने का खतरा बढ़ गया है. सेतु पर गड्ढों के ऊपर से गुजरने से लोडेड ट्रक तो उछल ही जा रहे हैं, दो पहिया वालों के लिए भी यह जानलेवा बन गया है.
सेतु की सड़क का हाल यह है कि दो दर्जन से ज्यादा जगहों पर उखड़ चुकी है. जीरोमाइल से नवगछिया की ओर जाने पर दो-तीन स्पेन के बाद से गड्ढों का मिलना शुरू हो जाता है. बायीं तरफ में पूरे सड़क उखड़ चुकी है. इस वजह से सड़क से सारे ज्वाइंट करीब आधा फीट ऊपर निकल आये हैं.
सेतु पर करीब 15 जगहों का ढक्कन खराब हो चुका है. किसी में एक फीट गहरा गड्ढा है तो किसी के मोटे रॉड निकले हुए हैं. इसके अलावा आधा दर्जन जगहों पर ढक्कन ही नहीं है. इससे गाड़ियों के पलटने का खतरा बना है.
तकरीबन 22 साल से विक्रमशिला सेतु दर्द समेटे खड़ा है. मगर, जिम्मेदारों को कोई फिक्र नहीं है. बात अगर इसकी लाइट्स की करें, तो पुल के दोनों ओर लाइट्स नहीं लगे हैं. एक ओर स्ट्रीट लाइट्स रहने से इससे दूसरी ओर की दृश्यता कम या बिल्कुल नहीं रहती है. इसकी वजह से आये दिन हादसे होते रहते हैं.
मेंटेनेंस का फाइल भागलपुर से अभियंता प्रमुख तक पहुंचने में लगे चार माह
विक्रमशिला सेतु का मेंटेनेंस एनएच विभाग को कराना है. इसके लिए चार माह पहले भागलपुर से भेजे गये मेंटेनेंस की फाइल अब जाकर अभियंता प्रमुख तक पहुंची है. यह फाइल मिनिस्ट्री तक जानी है. सेतु में तीन कार्य कराये जाने की जरूरत का जिक्र किया गया है. इसमें करीब 23 करोड़ 23 लाख से भागलपुर से नवगछिया तक सेतु के अप्रोच रोड का नवीनीकरण व पुल की सड़क का भी निर्माण व मार्किंग कार्य शामिल है. पुल की रेलिंग, साफ-सफाई और स्ट्रीट लाइट लगायी जानी है. बताया जा रहा है कि मिनिस्ट्री ने राज्यांश मद से सेतु का मेंटेनेंस की बात कही है. वहीं, इस एनएच के अधिकारियों ने मौखिक मतंव्य दिया है कि पुल का मेंटेनेंस अगर राज्यांश मद से ही होना है, तो इस कार्य से एनएच विभाग को मुक्त कर दिया जाये. यह जिम्मेदारी पुल निर्माण निगम को ही दी जाये.
क्या कहते हैं अधिकारी
विक्रमशिला सेतु के मेंटेनेंस का फाइल भेजी जा चुकी है. यह फाइल मुख्य अभियंता के पास से अभियंता प्रमुख तक पहुंच गयी है. इसे मंजूरी मिली, तो मेंटेनेंस कराया जायेगा.
अनिल कुमार सिंह, अधीक्षण अभियंता, राष्ट्रीय उच्च पथ अंचल, भागलपुर