सरकार से उम्मीदें टूटीं, तो ग्रामीणों ने उठाया फावड़ा, भागलपुर में धमना नदी पर बना दिया 80 फीट लंबा पुल
भागलपुर के शाहकुंड प्रखंड के सरहा गांव के पास धमना नदी पर ग्रामीणों ने खुद पैसे इकट्ठा कर पक्का पुल बना दिया है. इस पुल के बनने से आधा दर्जन से ज्यादा गांवों के 80 हजार लोगों को फायदा होगा. लोगों को अब जिला और प्रखंड मुख्यालय आने-जाने के लिए 10 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर नहीं करना पड़ेगा.
दीपक राव, Bhagalpur News: भागलपुर जिला अंतर्गत शाहकुंड प्रखंड के सरहा गांव स्थित धमना नदी के कारण 15 गांवों के 80 हजार की आबादी को 10 किलोमीटर तक घूमकर जाने की विवशता थी. लगातार 25 साल से यहां के लोग विधायक, सांसद से लेकर मंत्री और उप मुख्यमंत्री तक गुहार लगाकर थक गये. जब सरकारी उम्मीदों का पुल ढह गया, तो चंद लोगों ने करनी-बेलचा लेकर दशरथ मांझी की राह चल 13 लाख की लागत से 80 फीट का लंबा पुल तैयार कर दिया.
वर्तमान सांसद, विधायक से लेकर उप मुख्यमंत्री तक स्थल को देखकर दे चुके थे आश्वासन
ग्रामीणों ने कहा कि वर्तमान सांसद गिरधारी यादव, विधायक प्रो ललित कुमार मंडल, पूर्व सांसद जयप्रकाश यादव, पूर्व विधायक सुबोध राय से लेकर पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने अपने कार्यकाल में स्थल का निरीक्षण किया. पुल बनाकर लोगों को सुविधा देने का आश्वासन दिया. लगातार आश्वासन देने के बाद जब यहां के लोगों का धैर्य जवाब दे गया, तो खुद कढ़ाई-बेलचा थामा. इतना ही नहीं ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा किया, तो मजदूरों ने रियायत मजदूरी में काम करके पुल को तैयार कर दिया. सरहा गांव के भगीरथ प्रयास से 80 फीट लंबा पुल तैयार हो गया.
80 हजार लोगों को मिली राहत
युवा सामाजिक कार्यकर्ता शिरोमणि ने दर्द बयां किया कि इस पुल के नहीं बनने से 80 हजार की आबादी को 10 किलोमीटर तक घूमकर भागलपुर, शाहकुंड प्रखंड मुख्यालय, अस्पताल, अमरपुर आदि जाना पड़ता था. इस पुल से होकर सरहा, कपसोना, भीखनपुर, माल खानपुर, कटहरा-खानपुर, दिसतपुर, मोथाबाड़ी, दौलतपुर आदि के 1000 से अधिक लोगों का आना-जाना प्रतिदिन होता है.
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ये हैं पुल निर्माण के नायक, 13 लाख खर्च कर बनवाया पुल
2015 में यहां के लोगों ने सामूहिक प्रयास से बांस पुल तैयार करन शुरू किया. इसमें हरेक साल 50 हजार से अधिक खर्च होता था. बार-बार खर्च होने और बेहतर सुविधा नहीं मिलने पर यहां के लोगों खासकर शिरोमणि, खगेश्वर यादव, सरपंच विजय यादव, रामपुकार गुप्ता, बिहारी यादव और मनोहर यादव ने ग्रामीणों से तीन लाख से अधिक चंदा इकट्ठा किया. इसके बाद लगभग 10 लाख तक खुद में पैसा एकत्र किया. कुल 13 लाख की लागत से पुल का निर्माण कराया.
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20 फीट गहरी धमना नदी पर आठ पिलर तैयार किया पुल
20 फीट गहरी धमना नदी पर आठ पिलर के सहारे 80 फीट लंबा, 12 फीट चौड़ा पुल का निर्माण गुरुवार को देर शाम पूरा कर लिया गया. इस पुल में 25 वाई 25 इंच का पिलर बनाया गया है. इसके अलावा 300 मजदूरों ने रियायत मजदूरी में काम किया. सामूहिक प्रयास से लंबे समय का इंतजार खत्म हो गया.
क्या कहते हैं पुल निर्माण के नायक
सरहा व आसपास क्षेत्र के लोग पिछले 50 वर्षों से पुल को लेकर प्रयास कर रहे थे. सभी दलों के नेताओं ने धोखा देने का काम किया. प्रशासन की उदासीनता के कारण विवश होकर सामूहिक प्रयास से पुल का निर्माण कराना पड़ा.
शिरामणि, युवा सामाजिक कार्यकर्ता
पुल निर्माम को लेकर ग्रामीणों की एकता तब सामने आयी, जब लोकसभा चुनाव से पहले एकजुट होकर वोट का बहिष्कार किया गया. ठोस पहल नहीं होने पर विवश होकर सामूहिक प्रयास से पुल का निर्माण कराया गया.
विजय यादव, सरपंच
पुल निर्माण से आमलोगों को बहुत फायदा होगा. सामूहिक प्रयास से एक माह के अंदर पुल का निर्माण कराया गया. आमलोग, किसान व विभिन्न क्षेत्र के लोगों को हटिया, बाजार, प्रखंड कार्यालय, अस्पताल, छात्र-छात्रओं को स्कूल काॅलेज जाने में सुविधा मिलेगी.
बिहारी कुमार, सामाजिक कार्यकर्ता
पुल निर्माण होने से लंबे समय से चली आ रही समस्या का समाधान हो गया. करीब 80 हजार की आबादी को सुविधा मिलेगी.
रामपुकार गुप्ता, सामाजिक कार्यकर्ता