Bihar Flood: कोसी-सीमांचल और पूर्वी बिहार में बाढ़ का पानी नए इलाकों में घुस गया है. अब पानी सिर्फ गांवों में ही नहीं बल्कि शहरी इलाकों में भी घुसने लगा है. गंगा-कोसी धीरे-धीरे रौद्र रूप ले रही है. गांवों समेत कई ऊंचे इलाकों में पानी बढ़ने लगा है. कुछ जगहों पर स्कूल डूब गए हैं, जबकि कई बांधों पर अब भी दबाव बना हुआ है. इस बीच डूबने और बिजली गिरने से मौतों का सिलसिला जारी है. बुधवार को 13 जिलों में एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो गई.
टापू में तब्दील हुए कई पंचायत
भागलपुर में बुधवार को एनएच-80 पर घोषपुर के पास पुलिया निर्माण के लिए बनाए गए डायवर्सन पर पानी का तेज बहाव होने के कारण सड़क के दोनों तरफ मिट्टी का टीला बनाकर वाहनों का परिचालन रोक दिया गया है. राजंदीपुर, संतनगर, बगडेर समेत अन्य गांवों में गंगा का पानी घुसने के कारण करीब 50 से 60 परिवार अपने जानवरों के साथ अंचल सह प्रखंड कार्यालय परिसर में शरण लिए हुए हैं. सरदो से लेकर लैलख, ममलखा समेत अन्य पंचायतों में बाढ़ का पानी घुसने से पूरा इलाका टापू में तब्दील हो गया है.
ऑरेंज अलर्ट जारी
भागलपुर के गोराडीह प्रखंड के जमसी हाई स्कूल का मैदान और स्कूल जाने वाली मुख्य सड़क पर पानी भर गया है. नवगछिया में कोसी नदी के किनारे बसा गांव बाढ़ में डूबा हुआ है. इलाके में ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया गया है. रंगरा प्रखंड के मदरौनी, सधुआ छापर गांव में पानी घुस गया है. मदरौनी में मुख्य सड़क पर पांच फीट पानी बह रहा है. मदरौनी में करीब 300 घरों में पानी घुस गया है, लोग यहां से पलायन कर रहे हैं और रेलवे ट्रैक के किनारे टेंट लगाकर रह रहे हैं. मुख्य सड़क पर नावें चल रही हैं.
मधेपुरा में बाढ़ के पानी से घिरे 25 गांव
मधेपुरा के चौसा प्रखंड के करीब छह पंचायत के 25 गांव बाढ़ के पानी से घिर गये हैं. फुलौत के निचले भाग में पानी आने से झंडापुर बासा, अमनी, सपनी, पनदेही बासा, घसकपुर, पिहोरा बासा, केरल बासा, बरबीघी आदि गांवों का सड़क संपर्क टूट गया है. ग्रामीण अपने मवेशियों को लेकर ऊंचे स्थान पर चले गए हैं. कुछ ग्रामीण रोड पर अपने मवेशियों को रखकर पूर्व में किये स्टॉक से चारा खिला रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि अभी तक प्रशासन की ओर से कोई भी सहायता नहीं मिली है.
बच्चों की पढ़ाई भी बंद
वहीं तियर टोला, झंडापुर बासा, पनदेही बासा, घसकपुर, अमनी स्कूल में पानी आने के कारण पठन-पाठन बाधित हो गया है. शिक्षक आकर दूसरे के दरवाजे पर से हाजिरी बनाकर चले जाते हैं. अमनी स्कूल में शिक्षक-शिक्षिका कमर भर पानी को पार कर स्कूल जाकर सिर्फ हाजिरी बनाते हैं. कम ही बच्चों का स्कूल में आगमन होता है. पनदेही स्कूल में तीन दिन से एमडीएम बंद है. पूछने पर प्रभारी प्रधानाध्यापक मो ग्यास ने बताया कि पानी अधिक होने से बच्चों को खतरा है. इसीलिए तीन दिन से बीइओ के मौखिक आदेश पर बंद है. जबकि बहुत का घर पानी में डूब गया है. एसडीएम एसजेड हसन ने बताया कि बाढ़ अभी पूरी तरह से नहीं आया है.
मुंगेर में बाढ़ की स्थिति जस की तस, दहशत में ग्रामीण
मुंगेर में गंगा का जलस्तर बुधवार की सुबह 10 बजे से 38.80 पर स्थिर है. लेकिन बाढ़ की स्थिति जस की तस बनी हुई. क्योंकि बाढ़ का पानी दियारा क्षेत्र के गांवों व खेतों के अलावे करारी क्षेत्रों में फैला हुआ है. जिसके कारण ग्रामीण पूरी दहशत में है. जो अपने मवेशियों को लेकर सूखे और ऊंचे स्थानों के लिए आज भी पलायन कर रहे है. जबकि कई दिनों से खेतों में पानी जमा रहने से फसलों की बर्बादी शुरू हो गयी है. स्थिति यह है कि दियारा क्षेत्र में पड़ने वाले पंचायतों के आवागमन का एक मात्र विकल्प नाव है. ग्रामीण पानी के बीच घिरे हैं और जैसे-तैसे अपनी जिंदगी गुजर-बसर कर रहे है.
38.80 मीटर पर स्थिर हुआ है गंगा का जलस्तर
केंद्रीय जल आयोग से मिली रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार की शाम 6 बजे से रात के 9 बजे तक 38.75 पर गंगा का जलस्तर स्थिर था. लेकिन मंगलवार की रात धीरे-धीरे बढ़ना शुरू हुआ और बुधवार की सुबह 38.80 पर पहुंच गया. जो बुधवार को जस-तस की है. वर्तमान में गंगा का जलस्तर 38.80 पर स्थिर है. जो वार्निंग लेवल 38.33 मीटर से 47 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. जबकि डेंजर लेवल 39.33 मीटर से मात्र 53 सेंटीमीटर नीचे बह रही है. जानकारी के अनुसार इलाहाबाद से लेकर पटना तक में पानी घटना शुरू हो गया हैं. संभावना व्यक्त की जा रही है कि गुरुवार से मुंगेर में भी पानी घटना शुरू हो जायेगा.
चारों ओर फैला है बाढ़ का पानी, संकट में लोग
बाढ़ का पानी दियारा क्षेत्र के पांच पंचायतों में प्रवेश कर गया है. वहीं सभी पंचायतों का संपर्क भंग हो गया है. ग्रामीणों के आवागमन के लिए प्रशासनिक स्तर पर आधा दर्जन नाव मुंगेर सदर व बरियारपुर प्रखंड के बाढ़ प्रभावित दियारा क्षेत्र में चलाया जा रहा है. जबकि जमालपुर, असरगंज एवं हवेली खड़गुपर तथा बरियारपुर के करारी क्षेत्र में भी पानी का फैलाव हो चुका है. जिसके कारण कई गांव पानी से घिर गया है. हालांकि यहां पर पानी इतना नहीं है, कि लोगों के लिए नाव की व्यवस्था की जाय. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चारों और बाढ़ का पानी फैला हुआ है. जिसके कारण उन क्षेत्रों के लोगों की जान संकट में फंसी हुई है. जाफरनगर, टीकारामपुर व कुतलुपुर में कई विद्यालय व हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में भी पानी घुसा हुआ है.
बाढ़ के पानी में डूबे फसलों की बर्बादी शुरू
बरियारपुर एवं सदर प्रखंड के दियारा क्षेत्र के हजारों एकड़ खेतों में बाढ़ का पानी घूस कर गया है. पिछले तीन-चार दिनों से खेतों में लगे फसलों को अपनी चपेट में ले रखा है. जिसके कारण खेतों में लगे मकई, खैरी, लड़कटिया फसल गलने लगी है. जबकि परवल, नेनुआ, कद्दू व करेला का लत्तर पानी में डूब कर बर्बाद हो चुका है. इधर बरियारपुर के रतनपुर चौर, खड़गपुर के नाकी, अग्रहण पंचयात के खेत और असरगंज के अमैया व चोरगांव पंचायत के खेतों में बाढ़ का पानी घूसने से धान की फसल डूब गयी है. जो अब गलने लगी है.
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भदौरा गांव के घरों में घुसा पानी, संपर्क पथ हुआ भंग
मुंगेर के हवेली खड़गपुर प्रखंड के बाढ़ प्रभावित कृष्णा नगर, भदौरा, कुराबा, अग्रहण, मंझगांय, लक्ष्मण टोला, सठबिग्घी, बिलिया, जागीर गांव में चारो तरफ बाढ़ का पानी फेल चुका है. इस जल के जलजले से खड़गपुर प्रखंड का बाढ़ ग्रस्त इलाका पूरी तरह जलमग्न हैं और लोग परेशान हैं. मंझगांय गांव के रामगुलाम सिंह और भदौरा गांव के लक्ष्मण कुमार ने बताया बाढ़ के पानी से गांव के कई टोले की सड़क और घरों में पानी प्रवेश कर गया है. भदौरा गांव में पंचायत सरकार भवन और वहां तक पहुंचने वाली सड़क पानी से लबालब भरा हुआ है. मध्य विद्यालय भी बाढ के पानी से घिरा हुआ है.
कृष्णा नगर के समीप बाढ़ का पानी बदबू देने लगा है. जिससे सड़क मार्ग से गुजरने वाले लोग परेशान दिख रहे हैं. इन बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में चारों तरफ जल प्रलय की स्थिति के बीच बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र के लोगों के साथ किसान और मवेशी पालकों को काफी मुश्किल के दौर से गुजरना पड़ रहे है. इधर अग्रहण पंचायत के मंझगाय से सठबिग्घी को जोड़ने वाले सड़क पर बाढ का पानी आने से इस मार्ग से लोगों के आवागमन पर काफी असर पड़ा है. प्रभावित गांवों में धान की फसल पूरी तरह डूब गया है.