दीपक राव, भागलपुर: एक ओर जहां वाटर वर्क्स से 12 वार्डों में लोगों के बीच शुद्ध पेयजल की आपूर्ति नहीं हो पा रही है, वहीं दूसरी ओर भीषण गर्मी के बीच शहर के अलग-अलग मोहल्ले में सामान्य पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. खासकर मुंदीचक इलाके में पानी के लिए लोगों को दिनभर पानी के जुगाड़ में लगे रहना पड़ता है.
वार्ड 26 व 25 में अब भी पानी पीने लायक नहीं आ रहा है. हालांकि अधिक ब्लिचिंग का इस्तेमाल करने से हरे रंग से बदलकर थोड़ा साफ हुआ है. सुरखीकल की डोली देवी ने बताया कि पानी पीने लायक नहीं है. एक दिन पानी रखने पर तुरंत कीड़ा हो जाता है. कभी-कभी तो सीधे पानी से कीड़ा निकल रहा है. वहीं सामाजिक कार्यकर्ता अंजली घोष ने बताया कि पहले पूरा पानी हरा दिखता था. अब पानी साफ जरूर हुआ, लेकिन बदबू कम नहीं है.
वार्ड 36 अंतर्गत मुंदीचक समेत 10 मोहल्ले में इन दिनों पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. मिनी मार्केट समीप, रासबिहारी लेन, महादलित टोला आदि मोहल्ले में 15 हजार की आबादी के बीच पानी जुटाने की बड़ी समस्या है. सभी जगह कुछ देर के लिए सप्लाइ पानी आता है, जो कि पीने लायक नहीं है.
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1500 से अधिक की आबादी वाले क्षेत्र मुंदीचक महादलित टोला में पेयजल संकट की अलग ही स्थिति है. यहां पर एक चापाकल लगा है, जो महीनों से खराब पड़ा है. दो नल की टोटी लगायी गयी है. इससे इतना समय भी पानी नहीं आता है ताकि हरेक लाेगों को पर्याप्त पानी मिल सके. इससे सभी लोग पानी नहीं ले पाते हैं और पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है. इसी कारण पहले पानी लेने के लिए सुबह होने से पहले ही प्रात: तीन बजे से डब्बे की लाइन लग जाती है. इतना ही नहीं यहां के लोगों को दिन भर पानी आने का इंतजार रहता है कि कहीं कभी पानी नहीं आ जाये, इसलिए नल के आसपास डब्बे की लाइन लगी रहती है. पानी का अभाव होने के कारण रोजाना मारामारी की स्थिति बनती है.
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दूसरे से पानी मांग कर पीते हैं या फिर नकुलचंद लेन की बोरिंग पर लाइन में लगकर पानी लेते हैं. कोई विकल्प नहीं है. सप्लाई पानी गंदा आ रहा है.
अरविंद साह
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दूसरे मोहल्ले से पानी ढोकर लाती हूं. पानी के लिए दिनभर परेशान रहती हूं. बार-बार पार्षद को बोल चुकी हूं. एक चापाकल दो साल से खराब पड़ा है.
नीलम देवी
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क्षेत्र में 10 साल से पानी की समस्या है. पानी के लिए रोजाना तप करना पड़ता है. किसी तरह पाइप से पानी निकालते हैं.
आशा देवी
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दिनभर पानी के लिए लगी रहती हूं, तब पानी मिल पाता है. कभी-कभी तो पानी आता भी नहीं है. गंदा पानी है, लेकिन कोई चारा नहीं है.
रीता देवी
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