ब्रजेश,भागलपुर: भूगर्भ का जलस्तर खिसकने लगा है. कई इलाकों में हैंडपंपों ने पानी देना बंद कर दिया है. कुओं का पानी भी नीचे जाने लगा है. अभी से अगर पीएचइडी विभाग सचेत नहीं हुआ, तो पानी की विकराल समस्या होगी. गर्मी में पेयजल संकट न हो, इसकी प्लानिंग विभागीय स्तर पर अबतक नहीं की गयी है. सिर्फ चापाकलों का वार्षिक मरम्मत हो रही है.
विभागीय रिपोर्ट की मानें, तो जगदीशपुर प्रखंड को छोड़ कर सभी प्रखंडों में तेजी से जलस्तर गिरा है. एक महीने में 1 फीट 9 इंच जलस्तर में गिरावट आयी है. रिपोर्ट के आधार पर मार्च में जिस नलकूप का भूगर्भ का जलस्तर 15 फीट 11 इंच था, उसी का दोबारा अप्रैल में जलस्तर की रिपोर्ट बनी, तो जलस्तर 17 फीट 08 इंच पर पहुंच गया. गोपालपुर प्रखंड ताजा उदाहरण है. बाकी के प्रखंडों का भी हाल गोपालपुर प्रखंड से कमतर नहीं है. गर्मी में हर साल पानी का संकट होता है. पिछले साल हुई बारिश से भूगर्भ जल स्तर सुधरा, लेकिन गर्मी आते-आते फिर पानी का संकट होने लगा है. तालाब सूखने लगे हैं. कई इलाकों में बोरिंग भी साथ छोड़ने लगा है.
भूगर्भ जलस्तर में अभी गिरावट आ सकती है. ऐसा जानकारों का कहना है. बताया जाता है कि जैसे-जैसे तापमान में वृद्धि होगी, वैसे-वैसे जलस्तर गिरेगा. एक अनुमान के तहत जलस्तर दो फीट नीचे जाने का अनुमान है. ऐसा हुआ, तो पीरपैंती, सन्हौला, गोपालपुर आदि जगहों में पानी का संकट गहरा सकता है.
Also Read: Bihar: बंगाल में बैंक से 2 करोड़ की लूट में भागलपुर के कन्हैया का हाथ, जांच के लिए पहुंची ममता की पुलिस
जिले भर में सबसे ज्यादा और तेजी से जलस्तर गिर रहा है. गोपालपुर में एक माह में 01 फीट 09 इंच और रंगरा चौक प्रखंड में 01 फीट 08 इंच भूगर्भ का जलस्तर गिरा है. गोपालपुर में जलस्तर गिरने से 17 फीट 08 इंच पाताल में पानी पहुंच गया है. रंगरा चौक प्रखंड में 17 फीट 06 इंच नीचे जलस्तर पहुंच गया है.
जिले भर में इकलौता जगदीशपुर प्रखंड है, जहां इस गर्मी के मौसम में भी करीब 3 इंच तक भूगर्भ के जलस्तर में वृद्धि की रिपोर्ट दर्ज की गयी है. मार्च में जलस्तर 23 फीट 05 इंच पर था और अप्रैल में जलस्तर में 3 इंच वृद्धि के साथ 23 फीट 02 इंच पर आ गया है.
-
भूजल का अत्यधिक दोहन और दुरुपयोग.
-
बारिश का कम होना.
-
पेड़ों की संख्या में कमी.
-
धरती की सतह में पानी का कम बैठना.
-
अपने समुदाय में समूह बनाकर जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन को प्रोत्साहन करना
-
हर दिन एक ऐसा काम करने की कोशिश हो, जिससे जल बचाया जा सके.
-
पानी का उतना ही उपयोग किया जाये, जितनी जरूरत हो सके.
-
कोशिश की जाये कि घर के अंदर और बाहर कहीं से पानी का रिसाव नहीं हो.
-
सब्जी, दाल, चावल धोने में प्रयुक्त पानी फेंके नहीं. इसे फर्श साफ करने या पेड़ों में पानी देने के काम में लाया जा सकता है.
-
शौचालय में लो फ्लश या ड्यूअल फ्लश जैसे उपकरण लगवा पानी बचाया जाये.
-
स्नान करने के समय शॉवर की जगह बाल्टी व मग का इस्तेमाल किया जाये.
-
वाशिंग मशीन का प्रयोग करना ही है तो मशीन फुल लोड पर चलायी जाये.
-
गाड़ी धोते वक्त पाइप की जगह बाल्टी का उपयोग किया जाये.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan