घट रहा गंगा का जलस्तर, अंठावन के पास हो रहा कटाव
गंगा के जलस्तर में कमी होने के साथ ही कटाव तेज हो गया है
गंगा के जलस्तर में कमी होने के साथ ही कहलगांव के कागजी टोला, ओरियप पंचायत के बटेश्वर स्थान से बीरबन्ना पंचायत के तोफिल और अंठावन गांव से कुटी टोला, रानी दियारा समेत विभिन्न जगहों पर कटाव शुरू हो गया है. मवि अंठावन के समीप इस वर्ष पूर्व में हो रहे कटाव की जगह पर बांस बल्ला और झाड़ी डाल कर कटाव निरोधी कार्य किया जा रहा है . ठीक उसी के बगल में मंगलवार को कटाव शुरू हो गया है. पंसस गंगाधर राज ने बताया कि जल्द कटाव निरोधी कार्य शुरू नहीं किया गया, तो मवि अंठावन कटाव की जद में आ जायेगा. बटेश्वर स्थान से तोफिल, अंठावन, रानी दियारा गांव तक कमोबेश कटाव का दौर जारी है. किसानों की कृषि योग्य भूमि गंगा में कट कर समा रही है. मंगलवार को भी जल संसाधन व फ्लड फाइटिंग विभाग के कार्यपालक अभियंता की टीम कागजी टोला नहीं पहुंची थी. सीओ सुप्रिया ने बताया कि कागजी टोला के कटाव पीड़ित परिवारों की सूची उपलब्ध करा जांच की जा रही है. गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 56 सेंटीमीटर ऊपर है. कहलगांव में गंगा का जलस्तर घटने का क्रम जारी है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा का जलस्तर चार घंटे में प्रति एक सेंटीमीटर घटत के साथ मंगलवार की शाम 6:00 बजे तक 31.65 मीटर पर जा पहुंचा, जो खतरे के निशान से 56 सेंटीमीटर ऊपर है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार घटत जारी रहने की संभावना है.
10 दिनों से घरों में जमा है बाढ़ का पानी, पैरों में हो रहा संक्रमण
प्रखंड में पिछले 10-12 दिनों से गंगा नदी का तटबंध टूटने से बाढ़ का पानी वीरनगर, गोपालपुर सहित दर्जनों गांव के ग्रामीणों के घरों में घुस गया है. स्थिति दिन-प्रतिदिन भयावह होती जा रही है. बार-बार पानी में आने-जाने से बाढ़ पीड़ितों के पैरों में फंंगस होने लगा है. कुछ स्थानों में पानी का बहाव नहीं होने से बदबू फैलने लगी है. बाढ़ के पानी के जमाव से महिला, पुरुष, बच्चे व बूढ़े सभी परेशान हैं. माल-मवेशियों की स्थिति भगवान भरोसे है. पीड़ित परिवारों को पॉलीथिन या अन्य सामान नहीं मिलने से पानी में ही रह कर अपना जीवन यापन करने को विवश हैं. गोपालपुुर डिमाहा पंचायत के वार्ड 12 व 13 के उमेेश व प्रदीप ने बताया कि हमलोगों की सुध लेना किसी ने मुनासिब नहीं समझा. चौकी पर चौकी पर रख बकरी व अपने बच्चों को रखना पड़ रहा है. महिलाओं की स्थिति काफी दयनीय है. बाढ़ के पानी में खड़े होकर खाना बनाना पड़ रहा है. सीओ रोशन कुमार ने बताया कि सभी बाढ़ प्रभावित पंचायतों में पॉलीथिन शीट का वितरण किया जा रहा है. आवश्यकतानुसार चापाकल व शौचालय पीड़ितों के लिए बनवाया जा रहा है. तिनटंगा करारी व सैदपुर में सामुदायिक किचन में बाढ़ पीड़ितों के भोजन की व्यवस्था की गयी है. किसी बाढ़ पीड़ित व्यक्ति को कोई परेशानी है, तो वह संपर्क कर सकते हैं. उन्हें पूरा सहयोग किया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है