PHOTOS: सुल्तानगंज घाट की 12 सीढ़ी तक चढ़ी गंगा, जर्मन हैंगर भी जलमग्न, कांवरियों की सुविधा हटायी गयी

सुल्तानगंज में गंगा उफनाई हुई है. गंगा का जलस्तर बढ़ा तो नमामि गंगे घाट की 12 सीढ़ियों पर गंगा का पानी चढ़ गया. कांवरियों की कई सुविधाएं हटायी गयी.

By ThakurShaktilochan Sandilya | August 12, 2024 8:54 AM
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Shravani Mela 2024: श्रावणी मेला 2024 की चौथी सोमवारी के दिन कांवरियों को सुल्तानगंज में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सुल्तानगंज में गंगा उफनाई हुई है. नमामि गंगे घाट की अधिकतर सीढ़ियों पर पानी चढ़ा हुआ है. जिससे कांवरियों को स्नान व कांवर बांधने समेत अन्य कामों में परेशानी आ रही है. शौचालय में भी पानी घुस चुका है जबकि कांवरियों के लिए घाट से बाहर बनवाए गए जर्मन हैंगर में भी पानी प्रवेश कर चुका है जिसके बाद जर्मन हैंगर में सुविधा समाप्त करनी पड़ी है. चौकी, बिछावन हटाया जा चुका है.

श्रावणी मेला की व्यवस्था चरमायी

सुल्तानगंज में गंगा उफनाई हुई है. वहीं प्रशासन की व्यवस्था का पोल भी पूरी तरह खुल गया है. गंगा के जलस्तर बढ़ने से श्रावणी मेला की व्यवस्था चरमा गयी. एकतरफ जहां गंगा का पानी नमामि गंगे घाट की 12 सीढ़ियों पर चढ़ गया है और कांवरियों को काफी जद्दोजहद का सामना करना पड़ रहा है तो वहीं दूसरी ओर गंगा घाट से बाहर भी करीब घुटने भर पानी में चलकर कांवरिया बढ़ रहे हैं.

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जर्मन हैंगर में घुसा पानी, हटायी गयी व्यवस्था

नमामि गंगे घाट के रास्ते पर करीब दो फीट पानी बह रहा है. गंगाजल भरने या गंगाजल भरने के बाद इसी रास्ते से कांवरिया गुजरते हैं. यहां नाले का पानी अब सड़क पर बह रहा है और मजबूरन कांवरियों को उसी से होकर गुजरना पड़ रहा है. नमामि गंगे घाट के बगल में प्रशासन की ओर से जर्मन हैंगर बनवाया गया था. जिसमें कांवरियों के विश्राम करने के लिए पूरी सुविधा थी. कांवरिये इसका भरपूर लाभ भी ले रहे थे. लेकिन गंगा का जलस्तर जैसे ही बढ़ा, पानी इस जर्मन हैंगर में भी घुस गया. आनन-फानन में इससे चौकी, बिछावन सहित सारी सुविधा को समेटा गया.

नमामि गंगे घाट का रास्ता भी जलमग्न, कांवरियों की बढ़ी परेशानी

श्रावणी मेला के 21वें दिन गंगा के जलस्तर में अत्यधिक वृद्धि से कई स्थानों पर पानी प्रवेश करना शुरू कर दिया है. दोनों गंगा घाट पर जलस्तर में वृद्धि से बैरिकेडिंग अस्त-व्यस्त हो गयी है. नमामि गंगे घाट पर बैरिकेडिंग को दुरुस्त किया गया, जबकि अजगैवीनाथ मंदिर घाट के नयी सीढ़ी घाट पर सभी बैरिकेडिंग डूब गये हैं. कांवरिया असुरक्षित स्नान को विवश हैं. 

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