गोपालपुर प्रखंड में बिंद टोली बांध ध्वस्त होने से कई गांवों में पानी फैल गया. लगातार गंगा का जलस्तर बढ़ने से स्थिति और भयावह होती जा रही है. बाढ़ के पानी में जो लोग फंसे हैं, उन्हें एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू कर ऊंचे स्थानों पर पहुंचा रही है. एनडीआरएफ की दो टीम लगभग 60 कर्मियों के साथ अलग-अलग जगहों पर तैनात है. टीम ने अब तक तकरीबन 500 लोगों को रेस्क्यू कर चुकी है. रेस्क्यू कार्य प्रशासन की ओर से कराया जा रहा है. पटना एनडीआरएफ की टीम कमांडर भवेश झा भुवन के नेतृत्व में गंगा में तैनात है. गंगा के पानी का लगातार फैलाव हो रहा है. अब गोपालपुर के कई गांव इससे प्रभावित हो गये है. 20 अगस्त को इस्माइलपुर गोपालपुर बिंद टोली में बांध टूटने के बाद पूरे प्रखंड में पानी फैल रहा है. अब तक गोपालपुर गांव, सैदपुर के कुछ भाग, अभिया गांव के आसपास, गोरीहारी, लत्तीपाकड़ के आसपास क्षेत्रों में फैल रहा है. लत्तीपाकड़ में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र में पानी प्रवेश कर चुका है. स्वास्थ्यकर्मी घुटने भर पानी में अस्पताल पहुंचे हैं. जलस्तर और अधिक बढ़ने पर अस्पताल को ऊंचे स्थान पर शिफ्ट करन पड़ सकता है. प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र के स्टाफ अमरेज राज, स्वास्थ्य केंद्र कर्मचारी, अनिता कुमारी एएनएम, पूजा सिन्हा नर्स, रोमा कुमारी सहित कई कर्मचारी जब सुबह हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पहुंची, तो देखा कि वहां पानी प्रवेश कर चुका है. उन लोगों ने दवा सहित अन्य सामान को ऊंचे स्थान पर रखा है. एसडीओ ने बताया कि स्पर संख्या नौ को मजबूत कर दिया गया
नवगछिया. अनुमंडल पदाधिकारी ने बताया कि स्पर संख्या नौ को मजबूत कर दिया गया है. जनप्रतिनिधि स्तर से सूचना मिली थी कि स्पर संख्या नौ के पास कटाव हो रहा हैं. हम लोगों ने जनप्रतिनिधि से कहा कि आप लोग कटाव स्थल पर पहुंच कर लोगों को समझायें भयभीत नहीं हो. इस संबंध में जल संसाधन विभाग को जानकारी दी गयी. जल संसाधन विभाग ने दो बड़ी नाव में बालू भरी बोरिया भेजा. वहां पर तत्काल फ्लड फाइटिंग के तहत कार्य करवाया गयी. स्थिति अभी नियंत्रण में हैं. हम सभी लोग मिलजुल कर कार्य कर रहे हैं. वह बाद में देखा जायेगा कि किस अभियंता की लापरवाही हुई, उसकी जांच कर कार्रवाई की जायेगी. हम लोग प्रयास कर रहे हैं कि जो क्षति हुई है, उसे रिस्टोर करें. जिस जगह तटबंध कटा हैं, उसका दोनों किनारा मजबूत कर लिया गया है. तटबंध के निचले क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों से अनुरोध किया गया कि तटबंध पर किसी भी प्रकार के संरचना का निर्माण नहीं करें. तटबंध को प्रशासन की ओर से अतिक्रमण मुक्त कराया जायेगा.
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