सुलतानगंज से कहलगांव तक गंगा को कम से कम तीन मीटर किया जायेगा गहरा
सुलतानगंज से कहलगांव तक गंगा को कम से कम तीन मीटर गहरा किया जायेगा. इसका निर्णय हो चुका है. इस कार्य को करने के लिए भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने भारत सरकार के वन मंत्रालय से अनुमति मांगी है. लेकिन भागलपुर के वन प्रमंडल पदाधिकारी के स्तर से प्रस्ताव लंबित होने के कारण वन मंत्रालय की ओर से कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पा रही है. इस बाबत जलमार्ग प्राधिकरण के निदेशक वी मुरुगेसन ने डीएम को पत्र लिखा है.
सुलतानगंज से कहलगांव तक गंगा को कम से कम तीन मीटर गहरा किया जायेगा. इसका निर्णय हो चुका है. इस कार्य को करने के लिए भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने भारत सरकार के वन मंत्रालय से अनुमति मांगी है. लेकिन भागलपुर के वन प्रमंडल पदाधिकारी के स्तर से प्रस्ताव लंबित होने के कारण वन मंत्रालय की ओर से कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पा रही है. इस बाबत जलमार्ग प्राधिकरण के निदेशक वी मुरुगेसन ने डीएम को पत्र लिखा है. अनुरोध किया है कि लंबित एनओसी प्रस्ताव का शीघ्र निष्पादन के लिए आवश्यक पहल अपने स्तर से की जाये, ताकि व्यवहार्यता अध्ययन (फिजिबिलिटी स्टडी) के बाद संबंधित नदी खंड में करवाई की जा सके. …इसलिए जरूरी है गंगा को गहरा करना
सुलतानगज-कहलगांव नदी खंड राष्ट्रीय जलमार्ग संंख्या एक (गंगा नदी) का एक भाग है. इसे भारत सरकार द्वारा वर्ष 1986 में अधिसूचित किया गया है. इसमें जहाजों के सतत आवागमन के लिए नौवाहन चैनल (फेयरवे) में जलमार्ग प्राधिकरण के नियम के अनुसार तीन मीटर न्यूनतम गहरा कराये जाने का प्रावधान है. ऐसा होने के बाद ही जहाजों का सुलभता के साथ परिचालन हो सकेगा.
डॉल्फिन क्षेत्र होने के कारण अनुमति है जरूरी
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