बिहार सरकार के सहकारिता मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने गुरुवार को राज्य की 468 प्राथमिक बुनकर सहयोग समितियाें के साथ वर्चुअल बैठक की. राज्य के 16 जिलों के समितियों ने मंत्री से रू-ब-रू होकर समस्याओं से अवगत कराया. समितियों ने बताया कि उन्हें सरकार से वित्तीय सहायता प्राप्त नहीं होने के कारण राज्य से हुनरमंद कारीगरों का पलायन हो रहा है. कई बुनकर अन्य व्यवसाय अपना रहे हैं. इससे बुनकर समितियां निष्क्रिय हो रही हैं.
सूत के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर
बुनकर समितियों ने बताया कि वस्त्र के लिए उत्तर प्रदेश व पश्चिम बंगाल से कच्चा माल, सूत आदि मंगवाना पड़ता है. इससे लागत मूल्य बढ़ जाता है. साथ ही गुणवत्ता भी प्रभावित होती है. उनके द्वारा तैयार उत्पाद के लिए स्थायी बाजार का अभाव है. गोदाम में ही पड़े-पड़े उत्पाद खराब हो जाते हैं. भंडारण की उचित व्यवस्था का अभाव रहने से भी कच्चा व तैयार माल खराब हो जाता है. समितियों में प्रशिक्षण, प्रचार-प्रसार के अभाव के कारण नये बुनकरों व बुनकर समितियों में कार्य कुशलता का अभाव है. कई क्षेत्रीय हस्तकरघा बुनकर सहयोग संघ लिमिटेड अवक्रमित हो गयी हैं.मंत्री ने दिया पदाधिकारियों को निर्देश
मंत्री ने निर्देश दिया कि सभी प्रबंध निदेशक, जिला केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड अपने क्षेत्र अंतर्गत प्राथमिक बुनकर सहयोग समिति लिमिटेड को कार्यशील पूंजी देने के लिए शीघ्र ही उनसे प्रस्ताव प्राप्त करें और लाभान्वित करें. सभी जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक को राज्य व केंद्र सरकार की ओर से बुनकरों के लिए चलायी जा रही योजनाओं का विस्तृत प्रतिवेदन मांगा. उन्होंने कहा कि इन योजनाओं की समीक्षा कर सहकारिता विभाग बुनकरों को उचित लाभ देने का प्रयास करेगा. सभी जिला सहकारिता पदाधिकारियों को अविलंब जिले के सभी अवक्रमित बुनकर सहयोग समितियों से निर्वाचन प्रस्ताव प्राप्त कर बिहार राज्य निर्वाचन प्राधिकार को प्रेषित करने का निर्देश दिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है