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Wedding Season: 8 दिन की मानसून वेडिंग, चूके तो नवंबर तक वेटिंग

23 अप्रैल से 30 जून के बीच शुक्र अस्त था, इस दौरान विवाह वर्जित थे. अब सावन में विवाह के लिए आठ शुभ मुहूर्त हैं. शादियों का सीजन आए कुछ दिन हो गए हैं और बाजार में रौनक बढ़ गई है.

By Anand Shekhar | July 2, 2024 5:45 AM

दीपक राव, भागलपुर. Wedding Season: जुलाई के पहले सप्ताह में शुभ मुहूर्त का शुभारंभ होगा, जो कम दिनों के लिए ही आ रहा है. 15 को शुभ मुहूर्त समाप्त होने पर फिर लग्न के लिए 12 नवंबर तक इंतजार करना पड़ेगा. इसका असर बाजार पर दिखने लगा है. आठ दिनों तक मॉनसून वेडिंग को लेकर कारोबारियों में खासा उत्साह दिख रहा है. बरसात में ऑफ सीजन होने पर आठ दिनों का लग्न डूबते को तिनके का सहारा का काम करेगा.

30 जून के बीच था शुक्र अस्त, तीन को है मुहूर्त

अप्रैल के बाद लग्न का मुहूर्त तीन जुलाई को आयेगा. हालांकि नौ जुलाई को शुभ मुहूर्त है. 15 जुलाई के बाद फिर 12 नवंबर को देवोत्थान एकादशी के बाद मांगलिक कार्य शुरू होगा. ऐसे में लोगों काे शादी-विवाह के लिए चार माह इंतजार करना पड़ेगा. पंडित अंजनी शर्मा ने बताया कि शुक्र ग्रह 23 अप्रैल से 30 जून 2024 के बीच अस्त थे. इसलिए इस अवधि में शादी-विवाह कार्य संपन्न नहीं हो पाया. इसलिए कि विवाह के लग्न-मुहूर्त में गुरु और शुक्र ग्रह का अच्छी स्थिति होना बेहद जरूरी होता है, इनमें से एक भी ग्रह अस्त होने या खराब स्थिति में होने पर उस तिथि में विवाह संपन्न नहीं होता है.

जुलाई में आठ शुभ मुहूर्त

जुलाई महीने में केवल आठ मुहूर्त ऐसे हैं जो शादी-विवाह के लिए अनुकूल हैं. ज्योतिषाचार्य पंडित आरके चौधरी ने बताया कि जुलाई में विवाह के लिए आठ दिन बहुत शुभ माने जा रहे हैं. ये आठ दिन 3, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15 जुलाई हैं. नौ जुलाई, दिन मंगलवार को विवाह मुहूर्त दोपहर 2:28 से शाम 6:56 बजे तक है. वहीं, 11 जुलाई को दोपहर 1:04 बजे से अगले दिन 12 जुलाई को सुबह 4:09 बजे तक विवाह का शुभ योग है. इन तिथियों में ही वैवाहिक व अन्य शुभ कार्य कर सकते हैं.

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पौराणिक मान्यता

पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु चार महीने क्षीर-सागर में शयन करते हैं. इस बीच मांगलिक कार्य वर्जित होता है. इस कारण इन चार महीनों में शादियां नहीं होती.

12 नवंबर को होगा देवोत्थान एकादशी

ज्योतिषियों की मानें तो कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 11 नवंबर को संध्याकाल 06 बजकर 46 मिनट पर शुरू होगी और 12 नवंबर को संध्याकाल 04 बजकर 04 मिनट पर समाप्त होगी. इस प्रकार 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी है. इसके अगले दिन तुलसी विवाह है.

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