तिलकामांझी थाना क्षेत्र के सच्चिदानंदनगर कॉलोनी स्थित विभाष मंडल के मकान में किराये पर रहने वाले पटना ट्रैफिक पुलिस के जवान की पत्नी सोनी कुमारी ने फंदे से लटक कर जान दे दी है. मृतका के 10 साल के बेटे ने बताया है कि मां को कोई ब्लैकमेलर लगातार फोन करके धमकी दे रहा था. इधर तिलकामांझी पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. मौके पर एफएसएल टीम को बुलाया था. जिसके बाद शव को फंदे उतार कर मायागंज अस्पताल ले जाया गया. जहां देर रात उसके पति आनंद कुमार भी पटना से पहुंचे थे. उन्होंने भी ब्लैकमेलर द्वारा फोन किये जाने की पुष्टि की. तिलकामांझी थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर शंभु पासवान ने बताया कि मृतका के मायके वालों और पति का बयान दर्ज किया जायेगा. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर मृत्यु के सही कारणों का खुलासा किया जायेगा. मृतका के मोबाइल को जब्त कर उसकी भी जांच करायी जा रही है. मृतका का पति आनंद पूर्व में भागलपुर में ट्रैफिक रेगुलेशन टीम में प्रतिनियुक्त थे. करीब एक साल पूर्व उनका ट्रांसफर पटना हो गया था. आनंद मूल रूप से नवगछिया के बनिया गांव के रहने वाले है. मृतका का मायका पीरपैंती स्थित ख्वासपुर है. उसी मकान में किराये पर रहने वाली एक अन्य महिला ने बताया कि विगत पांच पूजा यानी 7 अक्तूबर को आनंद पत्नी सोनी और तीनों बच्चों को लेकर पटना गया था. सोनी बच्चों के साथ दोपहर साढ़े 12 बजे पटना से भागलपुर स्थित अपने किराये के मकान में लौटी थी. दोपहर करीब डेढ़ बजे मृतका का बड़ा बेटा दीपक (10) अचानक उनके पास ऊपर आया और सोनी के फांसी लगा लेने की बात कही. जब वह सोनी के कमरे में गयी तो देखा कि वह दुपट्टे के साथ फंदे से लटक रही है. यह देख वह डर गयी और घर से बाहर निकल कर आसपास के लोगों को आवाज देकर बुला लिया. इसके कुछ देर बाद पुलिस भी मौके पर पहुंच गयी. पुलिस से नहीं की थी ब्लैकमेलर के फोन की शिकायत आनंद और सोनी के बेटे दीपक ने बताया कि पिछले कुछ समय से उसकी मां और पिता काफी परेशान थे. उनकी मां के मोबाइल पर कोई अनजान व्यक्ति लगातार फोन कर रहा था. फोन पर रेप करने और बच्चों को मार देने की धमकी दे रहा था. मां इसकी जानकारी उसके पिता को भी जानकारी दी थी. जिसके बाद उसके पिता ने उक्त मोबाइल नंबरों को ब्लॉक भी किया था. इसके बाद भी अलग अलग मोबाइल नंबर से कॉल कर रहा था. पटना जाने के बाद उसके मां और पिता के बीच इस बात को लेकर बातचीत हुई थी. इधर सिपाही आनंद ने भी फोन पर हुई बात में भी फोन आने की पुष्टि की. पुलिस में नहीं की शिकायत बताया जा रहा है एक माह से अधिक समय से सोनी को लगातार फोन किया जा रहा था, लेकिन कभी उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस से नहीं की थी. सिपाही आनंद कुमार ने पुलिस की मदद नहीं ली थी. इधर, घटना की जानकारी पाकर पहुंचे परिजनों ने भी ब्लैकमेल किये जाने की बात की किसी भी तरह की जानकारी होने की बात से साफ इनकार किया है.
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