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लॉकडाउन में 51 दिन तक भटकती रही भागलपुर की महिला, एक महीने पैदल चलकर कानपुर से हजारीबाग पहुंची

हजारीबाग : बिहार के भागलपुर जिला के कहलगांव की महिला घर से झगड़ा करके निकली और लॉकडाउन का शिकार हो गयी. अमरपुर जाने का मन बनाकर निकली यह महिला कानपुर पहुंच गयी और वहां से एक महीने पैदल चलकर झारखंड के हजारीबाग जिला पहुंच गयी. यहां के अधिकारियों ने उसे उसके परिवार से मिलवाया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 16, 2020 11:45 AM

हजारीबाग : बिहार के भागलपुर जिला के कहलगांव की महिला घर से झगड़ा करके निकली और लॉकडाउन का शिकार हो गयी. अमरपुर जाने का मन बनाकर निकली यह महिला कानपुर पहुंच गयी और वहां से एक महीने पैदल चलकर झारखंड के हजारीबाग जिला पहुंच गयी. यहां के अधिकारियों ने उसे उसके परिवार से मिलवाया.

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प्रतिमा देवी (35) घरेलू विवाद के बाद घर से निकल गयी थी. उसका यह फैसला उस पर तब भारी पड़ गया, जब उसके घर से निकलते ही देश भर में लॉकडाउन की घोषणा हो गयी. वह न तो इधर की रही, न उधर की. इस दौरान देश के कई जिलों में भटकती रही.

घर से झगड़े के बाद गुस्से में यह महिला भागलपुर रेलवे स्टेशन पहुंची. वहां से उसने बांका के अमरपुर जाने का निर्णय लिया, जहां उसकी मौसी रहती है. उसी दिन (22 मार्च, 2020 की रात) जनता कर्फ्यू की घोषणा हो गयी. महिला बांका की बजाय कानुपर जाने वाली ट्रेन में बैठ गयी. अगले दिन वह कानपुर पहुंच गयी.

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कानपुर से प्रतिमा देवी एक माह तक लगातार पैदल चलती रही. अंतत: 4 मई, 2020 को वह झारखंड के हजारीबाग जिला के चौपारण पहुंची. उसे चोरदाहा चेक पोस्ट के पास पुलिस ने रोक लिया. लंबे समय तक पैदल चलने के कारण महिला मानसिक रूप से काफी थक चुकी थी. वह अपने संबंध में पुलिस को जानकारी देने की स्थिति में नहीं थी.

चौपारण पुलिस ने 5 मई, 2020 को इसकी जानकारी सीओ सह सीडीपीओ नितिन शिवम गुप्ता को दी. श्री गुप्ता ने इस संबंध में हजारीबाग महिला बाल विकास पदाधिकारी से संपर्क किया. सीओ ने महिला को समाज कल्याण विभाग के सुपुर्द कर दिया.

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समाज कल्याण पदाधिकारी शिप्रा सिन्हा ने बताया कि प्रतिमा देवी को बनहप्पा स्थित स्नेहदीप संस्था की सिस्टर ब्रीटो को सौंपा गया. यहां पर महिला की देखभाल एवं काउंसलिंग हुई. स्थिति ठीक होने के बाद उसने बताया कि उसका घर भागलपुर में है. इसके बाद उसके परिजनों से संपर्क किया गया.

उसका पता ढूंढ़ने के लिए भागलपुर की जिला परियोजना पदाधिकारी अर्चना कुमारी से संपर्क किया गया. उसकी तस्वीर को भागलपुर डीपीओ को साझा किया गया. कुछ दिन बाद भागलपुर डीपीओ ने उसके पति और बेटे की तस्वीर पहचान के लिए महिला को भेजी. महिला ने तुरंत अपने परिवार को पहचान लिया.

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जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने आठ मई को महिला की कोविड-19 जांच करायी. 10 मई को महिला की जांच रिपोर्ट निगेटिव आयी. उसके बाद उसके घरवालों को सौंपने के लिए सुधार गृह की अधीक्षक वैजयंती माला के साथ प्रतिमा देवी को मिर्जा चौकी मंडरों साहिबगंज भेजा गया. गुरुवार को एक बजे उसे भागलपुर डीपीओ की उपस्थिति में उसके परिवार को सौंप दिया गया.

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